आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
युगांडा के बुंदीबुग्यो जिले में लगभग 300 लोग एक रहस्यमय बीमारी से पीड़ित हैं, जिसे स्थानीय रूप से "डिंगा डिंगा" कहा जाता है. आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार, यह बीमारी मुख्य रूप से महिलाओं और लड़कियों को प्रभावित करती है, जिसमें बुखार और शरीर का अत्यधिक कंपन होता है, जो गंभीर रूप से गतिशीलता को बाधित करता है.
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कियिता क्रिस्टोफर ने कहा कि इस बीमारी का वर्तमान में सामुदायिक स्वास्थ्य टीमों द्वारा दिए जाने वाले एंटीबायोटिक दवाओं से इलाज किया जा रहा है, और अब तक किसी की मृत्यु की सूचना नहीं मिली है. उन्होंने कहा, "इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि हर्बल दवा इस बीमारी का इलाज कर सकती है. हम विशिष्ट उपचारों का उपयोग कर रहे हैं, और मरीज आमतौर पर एक सप्ताह के भीतर ठीक हो जाते हैं. मैं स्थानीय लोगों से जिले के भीतर स्वास्थ्य सुविधाओं से इलाज कराने का आग्रह करता हूं."
डॉक्टर ने कहा कि बुंदीबुग्यो के बाहर के क्षेत्रों में कोई मामला सामने नहीं आया है. विश्लेषण के लिए नमूने स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंप दिए गए हैं, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है. पिछली तुलनात्मक घटना फ्रांस के स्ट्रासबर्ग में 1518 का "डांसिंग प्लेग" था, जहाँ लोग कई दिनों तक बेकाबू होकर नाचते थे, जिससे कभी-कभी थकावट से संबंधित मौतें भी हो जाती थीं.
इस बीच, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) अपने रहस्यमय प्रकोप का सामना कर रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, लगभग 400 व्यक्ति प्रभावित हुए हैं, जिसमें 394 मामले और 30 मौतें पांजी स्वास्थ्य क्षेत्र में दर्ज की गई हैं.
लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, खांसी, नाक बहना और शरीर में दर्द शामिल हैं. यह पता लगाने के लिए जांच चल रही है कि क्या इन्फ्लूएंजा, COVID-19, मलेरिया या खसरा जैसे श्वसन रोगजनक इसका कारण हैं, लेकिन प्रयोगशाला परिणामों के लंबित रहने तक बीमारी की पहचान नहीं हो पाई है.