जम्मू
जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में मंगलवार को रहस्यमय बीमारी से एक और बच्चे की मौत हो गई, जिससे मरने वालों की संख्या 13 हो गई.
दिसंबर 2024 से अब तक राजौरी के कोटरंका उपमंडल के बधाल गांव में कई बच्चों समेत कुल 13 लोगों की इस रहस्यमय बीमारी से मौत हो चुकी है.
रहस्यमय बीमारी का 13वां शिकार एक बच्चा था, जिसकी स्थानीय अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई.
बधाल गांव में भय और व्यापक दहशत का माहौल है, क्योंकि स्थानीय लोग एक महीने से अधिक समय से इस रहस्यमय बीमारी से जूझ रहे हैं. ग्रामीणों के डर को और बढ़ाने वाली बात यह है कि पीड़ित गांव के सिर्फ एक परिवार से नहीं हैं, बल्कि हर घर अपने निवासियों के कल्याण को लेकर बेहद चिंतित है.
तेज बुखार, अत्यधिक पसीना आना, उल्टी और बेहोशी के दौर इस रहस्यमय बीमारी के कुछ लक्षण हैं. इस रहस्यमय बीमारी का सही कारण अभी भी डॉक्टरों को पता नहीं है, जो केवल लक्षणों के आधार पर मरीजों का इलाज कर रहे हैं.
राजौरी के सरकारी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. आशुतोष गुप्ता ने संवाददाताओं को बताया कि प्रारंभिक निष्कर्षों से पता चलता है कि यह एक वायरल संक्रमण है, लेकिन अंतिम निष्कर्षों के बिना कुछ भी निर्णायक रूप से नहीं कहा जा सकता है.
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे, पीजीआई चंडीगढ़, नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) और एम्स दिल्ली के विशेषज्ञों की टीमें स्थानीय डॉक्टरों को बीमारी को नियंत्रित करने और इसके प्रसार को रोकने में मदद करने के लिए बधाल गांव आई हैं.
अधिकारियों ने कहा, "ये टीमें व्यापक क्षेत्र अध्ययन कर रही हैं और प्रयोगशाला विश्लेषण के लिए नमूने एकत्र कर रही हैं. इन संस्थानों की भागीदारी स्थिति की गंभीरता और कारण की पहचान करने और उसे संबोधित करने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है."
जम्मू शहर के विभिन्न प्रमुख अस्पतालों के वरिष्ठतम अधिकारियों और डॉक्टरों ने भी इन रहस्यमय मौतों के लिए जिम्मेदार रोगाणु का पता लगाने में मदद करने के लिए बधाल का दौरा किया है. राज्य की स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा मंत्री सकीना इटू इस रहस्यमय बीमारी से पीड़ित रोगियों के रोगाणु की पहचान और उपचार की प्रक्रिया की निगरानी कर रही हैं.