डाइटिंग को लेकर रहें सचेत, डायटिशियन की राय, क्विक फिक्स के चक्कर में न रहें

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 12-03-2025
Be careful about dieting, dietician's advice, don't fall for quick fixes
Be careful about dieting, dietician's advice, don't fall for quick fixes

 

नई दिल्ली. केरल की 18 वर्षीय श्रीनंदा की जान डाइटिंग ने ली! खुद को छरहरा बनाने की सनक ने उसे मौत की ओर धकेल दिया. एक खौफ था जिसे उसने अपने अभिभावकों से नहीं शेयर किया लेकिन अपने दुख-दर्द का हल उसने सोशल प्लेटफॉर्म पर खोज निकाला. क्या होता है ये डिसऑर्डर और कैसे जेन 'जी' इस जाल में फंसकर अपनी बेशकीमती जिंदगी को गंवा रहा है?

आईएएनएस से बातचीत में वुमन ट्रांसफॉर्मेशन एक्सपर्ट सलोनी लालवानी ने इसे क्विक फिक्स के चक्कर में खाया गया धोखा करार दिया. उन्होंने कहा, कुछ पॉपुलर नोशंस हैं जिन्हें बदलने की जरूरत है. जैसे डाइट या फिर वेलनेस को ध्यान में रख हम जल्दी से बदलाव की ख्वाहिश में ऐसे सोशल साइट्स या वीडियोज का सहारा लेते हैं जो कुछ घंटों में कई किलो वजन कम करने का दम भरते हैं. ये बेतरतीब डाइट प्लान शेयर करते हैं जिसे बिना सोचे-समझे महिलाएं या लड़कियां फॉलो करने लगती हैं.

छरहरा होना ही क्या सुंदर दिखने की गारंटी है? ऐसे कई सवाल श्रीनंदा की मौत के बाद लोगों के दिमाग में कुलबुला रहे हैं. लालवानी कहती हैं, दरअसल हम औरतें खुद पर जरूरत के मुताबिक ध्यान नहीं देतीं. हम सबकी खिदमत के बाद जो समय बचता है, उसमें खुद को तराशने की सोचती हैं. समय की बंदिश तो खुद ही तय कर लेती हैं कि फलां एक्सपर्ट का क्विक प्लान बेहतर होगा. यही सोच उनसे गलती करा देती है. कुछ पॉपुलर वर्ड्स के जाल में फंस जाती हैं जैसे डिटॉक्स. सही मायने में खुद को डिटॉक्स कराने की कोई जरूरत नहीं होती. हमारा शरीर खुद ही पसीने या यूरीन जैसे तरीकों से टॉक्सिन्स बाहर फेंक देता है. साथ ही हमें सोचना होगा कि हमारा शरीर केवल फैट से नहीं बना इसमें पानी भी है, हड्डियां और मांस भी है.

आखिर कैसे डाइटिंग को लेकर ओवर थिंकिंग न करें या फिर जब महसूस हो कि वजन कंट्रोल नहीं हो रहा है तो किसके पास जाएं. एक्सपर्ट के मुताबिक इसकी अहम वजह एनोरेक्सिया नर्वोसा है. ये एक डिसऑर्डर है. जिसमें कोई भी ये मान लेता है कि उसका वजन बढ़ा हुआ है और इससे छुटकारा पाने के लिए उसे डाइटिंग करनी चाहिए. अगर किसी को भी ऐसा लगता है तो उसे थेरेपिस्ट से मिलना चाहिए. ऐसा जो सेहत से संबंधित सही जानकारी दे. असल में वजन बढ़ने या घटने के कारण बहुत होते हैं. वेट फ्लक्चुएशन हार्मोनल इंबैलेंस से भी होता है. जो थेरेपी से कारण पता लग सकता है और केस-बेस्ड सुझाव दिया जा सकता है.