यश जौहर की 95वीं जयंती, करण जौहर ने 'पापा' को किया याद

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 06-09-2024
Yash Johar's 95th birth anniversary, Karan Johar remembers 'Papa'
Yash Johar's 95th birth anniversary, Karan Johar remembers 'Papa'

 

मुंबई

मशहूर फिल्म निर्माता यश जौहर के 95वीं जयंती पर उनके बेटे और बॉलीवुड के दिग्गज फिल्म निर्माता करण जौहर ने उन्हें याद किया. करण जौहर ने सोशल मीडिया पर अपने पिता को याद करते हुए उनकी कई फोटो  शेयर की. 
 
फिल्म निर्माता करण जौहर ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म इंस्टाग्राम पर अपने एक पोस्ट में पिता यश जौहर के साथ बिताए पलों को फिर से जिया.
 
उन्होंने अपने इस पोस्ट में लिखा, "आज पापा के जन्मदिन पर कुछ पुरानी यादें यहां साझा करने के लिए ... 1. परिवार से गले मिलने का पल... .यह कुछ ऐसा है जो आप मेरे परिवार में अक्सर पा सकते हैं, शुक्रिया पापा 2. मेरा 30वां जन्मदिन!!! मैंने अपनी एक फिल्म निर्देशित की थी, जिसे दुनिया ने देखा और मुझे लगता है कि मेरे पिता को इस पर गर्व था 3. जैसा कि मैंने पहले ही कहा ढेर सारे पल !!! 4. उनके साथ मंच पर साझा किए गए एक-एक पल... मेरे दिलो-दिमाग में बसे हुए हैं!"
 
उन्होंने आगे लिखा, "पापा मैं आपको हर रोज याद करता हूं. आप मेरे लिए सबसे शानदार मार्गदर्शक हैं."
 
बता दें, यश जौहर ने अपने करियर की शुरुआत 1950 के दशक में एक फोटोग्राफर के तौर पर की थी. 1951 में उन्होंने अपने करियर की पहली फिल्म बादल में काम किया था. 1976 में धर्मा प्रोडक्शन लांच किया था.
 
उन्होंने "दोस्ताना," "दुनिया," "अग्निपथ," "गुमराह," "डुप्लिकेट," "कुछ कुछ होता है," "कभी खुशी कभी गम" जैसी फिल्में बनाई. शाहरुख खान, प्रीति जिंटा और सैफ अली खान अभिनीत फिल्म "कल हो ना हो" उनकी आखिरी फिल्म थी. यश जौहर का 26 जून 2004 को कैंसर के कारण निधन हो गया.
 
बता दें, करण ने हाल ही में "जानेमन" पॉडकास्ट में होस्ट जय मदान के साथ बातचीत की थी, इस बातचीत में जय ने उनसे पूछा था कि वह "शांति" और "शक्ति" शब्द से किसे जोड़ते हैं. इस पर करण ने उन्हें बताया था कि वह "शक्ति" के लिए मेगास्टार अमिताभ बच्चन को और "शांति" के लिए एक दिवंगत आध्यात्मिक नेता को का नाम लेते हैं.
 
इस बातचीत में उन्होंने आगे कहा, “मुझे लगता है कि अमिताभ बच्चन को एक शक्ति के रूप में चिह्नित किया जाना चाहिए. जब वह किसी कमरे में प्रवेश करते हैं. मुझे लगता है कि उनके पास वह शक्ति है कि अधिकांश लोग खड़े हो जाते हैं और उन्हें ही नहीं पता होता है कि वह लोग क्यों खड़े हो रहे हैं.”