आवाज द वाॅयस/ नइ्र्र दिल्ली
बॉलीवुड के मशहूर गायक सोनू निगम (Sonu Nigam) का हाल ही में बेंगलुरु कॉन्सर्ट (Bengaluru Concert) के दौरान एक भावुक रूप देखने को मिला. स्टेज पर गाते-गाते वह इतने इमोशनल हो गए कि उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े.
सोनू निगम ने इंस्टाग्राम (Sonu Nigam Instagram) पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने इस इमोशनल पल का जिक्र किया. उन्होंने कहा,
“आज बेंगलुरु में मेरा शो था। परफॉर्म करने के बाद मैं शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से इतना थक गया था कि मुझे खुद भी इसका एहसास नहीं हुआ. कभी-कभी, भले ही कोई व्यक्ति पूरी तरह से परफॉर्म न करे, लेकिन माहौल और एनर्जी इतनी जबरदस्त होती है कि लोग उससे जुड़ जाते हैं और भावुक हो जाते हैं. ऐसा ही कुछ मेरे साथ भी हुआ.”
उन्होंने आगे बताया कि उन्होंने पहली बार स्टेज पर ‘मेरे ढोलना’ गाना गाया. इसकी न तो उन्होंने कोई प्रैक्टिस की थी और न ही परफॉर्म करने की योजना बनाई थी. लेकिन जब उन्होंने यह गाना शुरू किया, तो माहौल इतना इमोशनल हो गया कि वह खुद भी रो पड़े.
सोनू निगम ने बताया कि जब उन्होंने ‘बिजुरिया’ जैसा एनर्जेटिक गाना गाने के बाद ‘मेरे ढोलना’ गाने की कोशिश की, तो वह खुद को रोक नहीं पाए. उन्होंने कहा,
“इतना रोया मैं स्टेज पर। मेरा बस चलता तो मैं खुद को रोक देता, लेकिन अगर मैं गाना रोकता, तो लोगों को लगता कि मैं उन्हें गाकर चिढ़ा रहा हूं. ऐसा मैं रोता था जब मेरी मम्मी का देहांत हुआ था 2013 में, 28 फरवरी को। अब 12 साल पूरे होने वाले हैं. उन दिनों जब मैं स्टेज पर ‘क्या हुआ तेरा वादा’ गाता था, तो फूट-फूट कर रोता था। अब थोड़ा कम हुआ है, लेकिन आज फिर से वही एहसास हुआ.”
सोनू निगम को भारतीय संगीत जगत का ‘मॉडर्न रफी’ कहा जाता है. उनकी गायकी की अलग ही पहचान है। उन्हें साल 2022 में भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया था.
सोनू निगम ने सिर्फ हिंदी ही नहीं, बल्कि कन्नड़, बंगाली, मराठी, तेलुगु, तमिल, ओडिया, अंग्रेजी, असमिया, मलयालम, गुजराती, भोजपुरी, नेपाली, तुलु, मैथिली और मणिपुरी में भी गाने गाए हैं.
सोनू निगम ने अपने करियर की शुरुआत 1992 में टीवी सीरियल ‘तलाश’ के गाने ‘हम तो छैला बन गए’ से की थी. इसके बाद उन्होंने ‘मैं हूं ना, मेरे हाथ में, मैं अगर कहूं, कभी अलविदा ना कहना, जाने नहीं देंगे तुझे’ जैसे सुपरहिट गाने दिए.
पुरस्कार और सम्मान: ✅ 1 राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (Best Playback Singer) ✅ 2 फिल्मफेयर अवॉर्ड ✅ 2 साउथ फिल्मफेयर अवॉर्ड ✅ 4 आईफा अवॉर्ड
सोनू निगम की आवाज़ में सिर्फ संगीत ही नहीं, बल्कि एक गहरी भावनात्मक अपील भी होती है. उनके लिए गाना सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि आत्मा से जुड़ी एक अनुभूति है. बेंगलुरु कॉन्सर्ट में उनकी भावुकता इस बात को साबित करती है कि संगीत सिर्फ सुरों का संगम नहीं, बल्कि भावनाओं का संचार भी है.
बेंगलुरु कॉन्सर्ट में सोनू निगम का भावुक होना यह दिखाता है कि संगीत सिर्फ मनोरंजन का जरिया नहीं, बल्कि आत्मा की भाषा भी है. उनके फैंस के लिए यह एक यादगार पल था, जिसने यह साबित कर दिया कि सोनू निगम न केवल एक बेहतरीन गायक हैं, बल्कि एक सच्चे कलाकार भी हैं.
क्या आपने कभी सोनू निगम का लाइव परफॉर्मेंस देखा है? क्या आप भी उनकी आवाज़ से भावुक हुए हैं? अपनी राय हमें कमेंट सेक्शन में बताएं!