इमरान हाशमी ने दर्शकों को लेकर ऐसा क्यों कहा ?

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 18-04-2025
Why did Emraan Hashmi say this about the audience?
Why did Emraan Hashmi say this about the audience?

 

आवाज द वाॅयस/ नई दिल्ली

देशभक्ति लंबे समय से बॉलीवुड के फिल्म निर्माताओं के लिए एक पसंदीदा विषय रहा है. मनोज कुमार से लेकर शाहरुख खान और अक्षय कुमार तक, कई कलाकारों ने परदे पर देशभक्ति की भावना को जीवंत किया है. लेकिन हाल के वर्षों में इस पर सवाल भी उठने लगे हैं कि कई फिल्में अति-राष्ट्रवाद को बढ़ावा दे रही हैं.

इसी मुद्दे पर बॉलीवुड अभिनेता इमरान हाशमी ने हाल ही में अपनी राय साझा की. एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि जब कोई फिल्म अति-देशभक्ति को दर्शाती है, तो वह जबरन थोपी हुई लगती है..

इमरान का कहना है, “आज के दर्शक काफी समझदार हैं.. उन्हें ये महसूस हो जाता है कि किसी दृश्य में यथार्थ नहीं है, और देशभक्ति को सिर्फ भावनात्मक उभार के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.”

इमरान हाशमी जल्द ही फिल्म ‘ग्राउंड जीरो’ में नजर आएंगे, जिसे फरहान अख्तर और रितेश सिधवानी प्रोड्यूस कर रहे हैं. यह फिल्म भी एक देशभक्ति पर आधारित कहानी है, जो बीएसएफ जवान नरेंद्रनाथ धर दुबे के जीवन से प्रेरित है.

इस फिल्म को लेकर इमरान ने कहा,“ऐसी फिल्म करने से पहले यह समझना बहुत ज़रूरी है कि कहीं फिल्म कट्टर राष्ट्रवाद में ना बदल जाए.”उन्होंने यह भी जोड़ा कि, “हम चाहते थे कि 2001 में जो असल में हुआ, उसे एक सशक्त लेकिन संतुलित नाटकीय रूप में पेश किया जाए. क्योंकि थोड़ा भी अतिरिक्त नाटकीयपन फिल्म का संतुलन बिगाड़ सकता है.”

इमरान ने इस बात पर भी जोर दिया कि जब सीमा प्रहरियों के जीवन पर फिल्म बनाई जाती है, तो उसे पूरी सावधानी और संवेदनशीलता से प्रस्तुत करना चाहिए. उन्होंने कहा,“ऐसी फिल्मों में ज़रा सी भी गलत जानकारी या अतिशयोक्ति उस सच्चाई को धुंधला कर सकती है, जो हम दर्शकों तक पहुंचाना चाहते हैं. खासकर जब उनके परिवारजन भी वही फिल्म देख रहे हों.”

इमरान हाशमी का यह स्पष्ट दृष्टिकोण बताता है कि सिर्फ देशभक्ति का टैग लगाकर फिल्मों को प्रभावशाली नहीं बनाया जा सकता, बल्कि प्रामाणिकता और संतुलन ही दर्शकों के साथ सच्चा संबंध बनाते हैं.