आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात दिल्ली के एम्स में निधन हो गया. उनके निधन की खबर से देशभर में शोक की लहर दौड़ गई .डॉ. सिंह के निधन पर कई कलाकारों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. उनकी सरलता, ईमानदारी और गहरी समझ ने उन्हें जनता और नेताओं के बीच समान रूप से सम्मानित बनाया.
अभिनेता और सांसद सनी देओल ने डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया. सनी ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में उन्हें "दूरदर्शी नेता" बताते हुए लिखा, "मैं डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से बहुत दुखी हूं. वे एक ऐसे नेता थे जिन्होंने भारत के आर्थिक उदारीकरण को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उनकी बुद्धिमत्ता, ईमानदारी और देश के विकास में योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। मेरी हार्दिक संवेदनाएं. #RIPDrManmohanSingh।"
कपिल शर्मा ने साझा की पुरानी तस्वीर
कॉमेडियन कपिल शर्मा ने पूर्व प्रधानमंत्री को याद करते हुए एक पुरानी तस्वीर साझा की. उन्होंने लिखा, “भारत ने आज अपने सबसे बेहतरीन नेताओं में से एक को खो दिया है. भारत के आर्थिक सुधारों के निर्माता और ईमानदारी और विनम्रता के प्रतीक डॉ. मनमोहन सिंह ने प्रगति और उम्मीद की विरासत छोड़ी है. उनकी बुद्धिमता, समर्पण और दूरदर्शिता ने हमारे देश को बदल दिया. शांति से आराम करें, डॉ. सिंह। आपके योगदान को कभी नहीं भुलाया जाएगा."
डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान
डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर, 1932 को पंजाब में हुआ था। वे एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री थे और उन्होंने 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया. 1991 में, तत्कालीन वित्त मंत्री के रूप में, उन्होंने भारत के आर्थिक उदारीकरण की नींव रखी, जो देश के विकास के लिए मील का पत्थर साबित हुआ.
2004 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाले एनडीए के खिलाफ कांग्रेस की जीत के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. उन्होंने 2009 से 2014 तक दूसरा कार्यकाल पूरा किया. उनकी सरकार के दौरान आर्थिक विकास, सामाजिक कल्याण योजनाओं और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में महत्वपूर्ण प्रगति देखी गई.
अंतिम दिनों की स्थिति
एम्स के अनुसार, डॉ. मनमोहन सिंह पिछले कुछ समय से आयु संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे. गुरुवार को उनकी स्थिति गंभीर हो गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां कुछ घंटों बाद उनका निधन हो गया.
डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन सादगी और समर्पण का प्रतीक था. एक अर्थशास्त्री के रूप में उनकी दूरदृष्टि ने भारत को आर्थिक संकट से उबरने में मदद की. प्रधानमंत्री के रूप में उनके नेतृत्व ने देश में सामाजिक और आर्थिक बदलाव की नींव रखी.उनकी कविताओं और भाषणों में उनकी विनम्रता और विचारशीलता झलकती थी. उनका निधन न केवल कांग्रेस पार्टी के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है.