मुंबई
बॉलीवुड के लोकप्रिय पार्श्वगायक शान (Shan), जिनकी आवाज़ ने “तन्हा दिल”, “जब से तेरे नैना” और “चाँद सिफारिश” जैसे कई हिट गानों को अमर बना दिया, आज एक नई भूमिका में सामने आए हैं—एक जागरूकता दूत के रूप में.
प्रोस्टेट कैंसर को लेकर खुद के साथ घटित एक 'झूठे अलार्म' के अनुभव को साझा करते हुए शान ने बताया कि कैसे साल 2020 में उन्हें इस गंभीर बीमारी की आशंका ने मानसिक रूप से झकझोर कर रख दिया था.
टाटा मेमोरियल सेंटर (TMC) की ओर से यूरोलॉजिक ऑन्कोलॉजी डिजीज मैनेजमेंट ग्रुप (URO-DMG) की नई पहल ‘MenCan’ के लॉन्च इवेंट पर शान ने बताया,
“2020 में मुझे प्रोस्टेट को लेकर कुछ तकलीफें थीं. जब टेस्ट कराए तो कुछ डॉक्टरों ने कैंसर की आशंका जताई. वो पल बेहद तनावपूर्ण था। बाद में जांच से साफ हुआ कि ये सिर्फ एक False Alarm था. लेकिन इस घटना ने मेरी सोच बदल दी. अब मैं नियमित रूप से मेडिकल टेस्ट कराता हूं.”
शान ने आगे कहा कि यह अनुभव भले ही बाद में मज़ाक में बदल गया, लेकिन शुरुआत में यह बेहद डरावना और असहज था.
शान अब MenCan पहल के ब्रांड एंबेसडर हैं, जो कि एक ग़ैर-लाभकारी और ग़ैर-व्यावसायिक अभियान है. इसका उद्देश्य पुरुषों में प्रोस्टेट, टेस्टिकुलर और पेनाइल कैंसर से जुड़ी भ्रांतियों को तोड़ना और लोगों को समय रहते जांच और इलाज के लिए प्रेरित करना है.
शान ने कहा कि हमारे समाज में “कैंसर” शब्द अब भी एक कलंक और भय से जुड़ा हुआ है। लोग खुलकर इसके बारे में बात नहीं करना चाहते.शान ने कहा,“यह शब्द आज भी इतना डरावना लगता है कि लोग इसका उच्चारण करने से भी बचते हैं. लेकिन अगर आप इसका सामना समय रहते करें, तो बहुत कुछ बचाया जा सकता है,” .
शान ने इस बात पर जोर दिया कि एक पुरुष का अच्छा स्वास्थ्य पूरे परिवार की सेहत और मानसिक संतुलन से जुड़ा होता है.
“अगर एक पुरुष शारीरिक या मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है, तो इसका असर पूरे परिवार पर पड़ता है. इसलिए ज़रूरी है कि पुरुष अपनी सेहत को भी उतनी ही प्राथमिकता दें जितनी वे अपने करियर या परिवार को देते हैं.”
शान ने कहा कि वे खुद को चिकित्सा या विज्ञान का जानकार नहीं मानते, लेकिन यदि उनका अनुभव किसी को समय पर टेस्ट कराने के लिए प्रेरित कर सके, तो वे इस पहल का हिस्सा बनकर खुद को गौरवान्वित महसूस करेंगे..