मुंबई. कंगना रनौत की ‘इमरजेंसी’ शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. पूर्व पीएम इंदिरा गांधी और उनके द्वारा देश में लागू इमरजेंसी पर बनी फिल्म को लेकर पंजाब में विरोध-प्रदर्शन देखने को मिला. फिल्म को लेकर हो रहे विरोध पर कंगना रनौत ने कहा कि ये कला और कलाकार दोनों का उत्पीड़न है.
फिल्म की निर्माता-निर्देशक और पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की भूमिका में नजर आई कंगना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स हैंडल पर एक पोस्ट शेयर कर फिल्म को लेकर हो रहे विरोध-प्रदर्शन को न केवल उत्पीड़न बताया बल्कि उन्होंने अपनी छवि को खराब करने का आरोप भी लगाया.
एक्स पर पोस्ट शेयर कर अभिनेत्री ने लिखा, “यह कला और कलाकारों का उत्पीड़न है, पंजाब के कई शहरों से रिपोर्ट आ रही है कि ये लोग ‘इमरजेंसी’ को प्रदर्शित नहीं होने दे रहे हैं."
अभिनेत्री ने आगे लिखा, "मैं सभी धर्मों का बहुत सम्मान करती हूं और चंडीगढ़ में पढ़ने और पले-बढ़े होने के कारण मैंने सिख धर्म को बहुत करीब से देखा और उसका पालन किया है. यह पूरी तरह से झूठ है और मेरी छवि को खराब करने और मेरी फिल्म को नुकसान पहुंचाने के लिए दुष्प्रचार है."
इस बीच बता दें, महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को अभिनेत्री कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' देखी थी. मंच पर पहुंचे सीएम ने आपातकाल का सत्य दिखाने के लिए अभिनेत्री की तारीफ भी की.
उन्होंने कहा था, "मैं कंगना रनौत को बधाई देना चाहता हूं कि इतने महत्वपूर्ण मुद्दे पर उन्होंने फिल्म बनाई. इमरजेंसी वह समय था, जब सभी लोगों के मानवाधिकार छीन लिए गए थे. मुझे अब भी याद है जब अपने पिता से मिलने मैं जेल जाता था. मेरे पिता इमरजेंसी के दौरान जेल में थे और मैं केवल पांच साल का था."
उन्होंने आगे कहा था, "इमरजेंसी के दौर को कंगना रनौत ने फिल्म के माध्यम से फिर से लोगों के बीच लाया है. कंगना की एक्टिंग फिल्म में सराहनीय है. हमारे लिए वैसे इंदिरा जी तो बहुत बड़ी थीं, वह देश के लिए नेता थीं लेकिन उस दौर में हमारे लिए विलेन थीं. मुझे लगता है कि इमरजेंसी हमारे देश के इतिहास में काली रात है, उस सच्चाई को देशवासियों तक पहुंचाना जरूरी है. मुझे लगता है कि आने वाली पीढ़ी को इमरजेंसी की सच्चाई मालूम होनी चाहिए."
'इमरजेंसी' की गुरुवार को स्क्रीनिंग रखी गई थी, जिसमें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी शामिल हुए थे.