ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली
कैलाश खेर की किताब 'तेरी दीवानी: शब्दों के पार' (Teri Diwani: Shabdon Ke Paar) उनकी 50 प्रसिद्ध गीतों के पीछे की कहानियों और प्रेरणाओं को साझा करती है, जो एक संगीतमय संस्मरण है.
कैलाश खेर का संगीतमय संस्मरण कही जा सकने वाली यह पुस्तक तेरी दीवानी : शब्दों के पार पाठकों को उनके 50 प्रमुख गीतों के पीछे की कहानियों और प्रेरणाओं के माध्यम से एक अंतरंग यात्रा पर जाने के लिए आमंत्रित करती है.
इस पुस्तक की हर रचना में निहित भावनात्मक और रचनात्मक प्रक्रियाओं की भावुकता से खोज साफ दिखती है। इसमें कैलाश एक कलाकार के रूप में अपने व्यक्तिगत विकास और अपने संगीत के शक्तिशाली प्रभाव को सामने लाए हैं, जिसके लिए वे जाने जाते हैं.
महान संगीत को आकार देने वाले उपाख्यानों, भावनाओं और प्रेरणाओं को साझा करते हुए, कैलाश खेर ने ‘सैयां’, ‘तेरी दीवानी’ और .‘अल्लाह के बंदे’ जैसे अपने सबसे प्रिय गीतों की उत्पत्ति का विस्तार से विवरण दिया है. इसमें वे न केवल अपनी संगीत उपलब्धियों का जश्न मनाते नज़र आते हैं, बल्कि पाठकों को इन भावपूर्ण धुनों की गहरी समझ और अंतर्दृष्टि भी प्रदान करते हैं.
कैलाश खेर का नाम आज संगीत की दुनिया में किसी परिचय का मोहताज नहीं है. उनकी आवाज़ ने न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में अपनी पहचान बनाई है. वे न सिर्फ एक गायक हैं, बल्कि एक संगीतकार और गीतकार भी हैं. कैलाश खेर की किताब *'तेरी दीवानी: शब्दों के पार'* उनके संगीत जीवन का एक संगीतमय संस्मरण है, जिसमें वह अपनी 50 प्रसिद्ध गीतों के पीछे की कहानियाँ और प्रेरणाएँ साझा करते हैं.
इस किताब में कैलाश खेर अपने जीवन की कई अहम घटनाओं और अनुभवों को बयां करते हैं. यह किताब उन सभी प्रशंसकों के लिए है जो उनके संगीत को समझना चाहते हैं और यह जानना चाहते हैं कि उनके गाने कैसे बने. 'तेरी दीवानी' और 'अल्लाह के बंदे' जैसे सुपरहिट गाने सिर्फ संगीत की धुन तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उनके पीछे गहरे भावनात्मक और आध्यात्मिक विचार भी छिपे हुए हैं.
कैलाश खेर बताते हैं कि कैसे उनके जीवन में आए कठिन समय ने उन्हें संगीत के माध्यम से खुद को अभिव्यक्त करने का रास्ता दिखाया. उनके गाने न सिर्फ व्यक्तिगत अनुभवों से प्रेरित हैं, बल्कि वे समाज, धर्म, और मानवता के गहरे सवालों से भी जुड़े हुए हैं. उन्होंने यह किताब लिखते वक्त उन गीतों के लेखन और संगीत की प्रक्रिया को भी साझा किया है, जो उनके दिल के बहुत करीब हैं.
इस किताब में कैलाश खेर अपने गानों के पीछे की कहानियाँ सुनाते हुए, उस समय को याद करते हैं जब उन्होंने अपने पहले गाने की रचनात्मकता पर काम करना शुरू किया था. उनका संगीत केवल मनोरंजन का साधन नहीं था, बल्कि एक माध्यम था जिसके जरिए वे अपनी आत्मा की गहराइयों को बाहर ला सकते थे. वे अपनी यात्रा के बारे में बताते हैं कि कैसे कठिन संघर्षों के बावजूद उन्होंने संगीत की दुनिया में अपनी पहचान बनाई और दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बनाई.
'तेरी दीवानी: शब्दों के पार' सिर्फ एक किताब नहीं, बल्कि एक यात्रा है, जिसमें हम कैलाश खेर के संगीत की दुनिया में खो जाते हैं. यह किताब न केवल उनके संगीत के प्रति प्रेमियों के लिए है, बल्कि उन लोगों के लिए भी है जो अपनी मुश्किलों से जूझ रहे हैं और अपने जीवन को एक नए दृष्टिकोण से देखना चाहते हैं.
कैलाश खेर की यह किताब एक प्रेरणा है, जो बताती है कि संगीत एक भाषा है, जो शब्दों से परे जाकर दिलों को जोड़ता है. उनका संगीत न सिर्फ सुनने के लिए होता है, बल्कि उसे महसूस करने और जीने के लिए भी है.
किताब का नाम: तेरी दीवानी: शब्दों के पार (Teri Diwani: Shabdon Ke Paar)
लेखक: कैलाश खेर
विषय: कैलाश खेर के 50 प्रसिद्ध गीतों के पीछे की कहानियाँ और प्रेरणाएँ
प्रकार: संगीतमय संस्मरण
लॉन्च: जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में 31 जनवरी को
अन्य प्रतिभागी: संजय के रॉय और वैशाली माथुर