महाकुंभ में पहुंचे कबीर खान, संगम में करेंगे स्नान

Story by  ओनिका माहेश्वरी | Published by  onikamaheshwari | Date 29-01-2025
Kabir Khan reached Maha Kumbh, will take bath in Sangam
Kabir Khan reached Maha Kumbh, will take bath in Sangam

 

आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली 
 
फिल्म निर्माता कबीर खान प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में शामिल हुए हैं, उन्होंने इसे धार्मिक सीमाओं से परे एक गहन आध्यात्मिक अनुभव बताया है.
 
अपने उत्साह को व्यक्त करते हुए, खान ने इस आयोजन के गहरे सांस्कृतिक महत्व और सभी क्षेत्रों के लोगों के बीच एकता को बढ़ावा देने पर जोर दिया.
 
उन्होंने एएनआई से कहा, "मैं यहां आकर खुद को भाग्यशाली महसूस कर रहा हूं. यह भव्य समागम 12 साल में एक बार होता है और मैं भी इसमें पवित्र डुबकी लगाऊंगा. यह हिंदुओं या मुसलमानों के बारे में नहीं है - यह हमारी उत्पत्ति, हमारी सभ्यता और भारतीयों के रूप में हमारी साझा पहचान के बारे में है. अगर आपको लगता है कि आप भारतीय हैं, तो आपको यहां की हर चीज से जुड़ाव महसूस करना चाहिए."
 
13 जनवरी से शुरू हुआ और 26 फरवरी तक चलने वाला महाकुंभ मेला दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक समागम है. लाखों श्रद्धालु और आगंतुक संगम पर इकट्ठा होते हैं - गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती का पवित्र संगम - यह मानते हुए कि इसके जल में डुबकी लगाने से पाप धुल जाते हैं और मुक्ति मिलती है.
 
अधिकारियों का अनुमान है कि 450 मिलियन से ज़्यादा लोग इसमें शामिल होंगे, जिससे यह आयोजन इतिहास में सबसे बड़ा आयोजन बन जाएगा.
 
कबीर खान आध्यात्मिक तमाशे की ओर आकर्षित होने वाले एकमात्र सेलिब्रिटी नहीं हैं. दिग्गज अभिनेता अनुपम खेर ने हाल ही में त्रिवेणी संगम में अपना अनुभव साझा किया. इंस्टाग्राम पर उन्होंने पवित्र डुबकी, मंत्रोच्चार और उस पल से भावुक होते हुए एक वीडियो पोस्ट किया.
 
महाकुंभ में इस डुबकी के बाद जीवन पूर्ण लगता है! पहली बार, मुझे माँ गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र मिलन स्थल पर मंत्रोच्चार करने का मौका मिला. प्रार्थना करते समय मेरी आँखों से आँसू बह निकले. संयोग से, यह अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के ठीक एक साल बाद हुआ. सनातन धर्म की जय हो!” उन्होंने लिखा.
 
अन्य प्रसिद्ध हस्तियाँ भी इस आयोजन के लिए प्रयागराज पहुँची हैं. मुक्केबाज़ी की दिग्गज मैरी कॉम, पूर्व क्रिकेटर सुरेश रैना और अभिनेत्री भाग्यश्री सभी ने उत्सव में भाग लिया और महाकुंभ की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक भव्यता में खुद को डुबो लिया.