'मुगल-ए-आज़म' से 'शोले' तक: जलाल आग़ा का सफर

Story by  जयनारायण प्रसाद | Published by  [email protected] | Date 12-07-2024
From 'Mughal-e-Azam' to 'Sholay': The journey of Jalal Agha
From 'Mughal-e-Azam' to 'Sholay': The journey of Jalal Agha

 

जयनारायण प्रसाद

के आसिफ़ निर्देशित ब्लाकबस्टर फिल्म मुगल-ए-आज़म में युवा दिलीप कुमार की भूमिका निभाने वाला किरदार याद है आपको. जी हां, आपने सही समझा. यहां बात हो रही है जलाल आग़ा और उनकी भूमिका की. वह न केवल अपने जमाने के चर्चित काॅमेडियन के पुत्र थे,बल्कि उन्हांेने खुद भी फिल्मों में अलग-अलग किरदार निभा कर अपने अभिनय का रोहा मनवाया. जलाल का आज जन्म दिन है.

आज  यानी 11 जुलाई, 1945 को बंबई में अभिनेता जलाल आग़ा की पैदाइश हुई थीं और मौत हुई हार्ट अटैक से नई दिल्ली में 5 मार्च, 1995 को. ज़लाल आग़ा मशहूर हास्य अभिनेता आग़ा के बेटे थे. जलाल आग़ा ने पुणे के फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान से अभिनय की पढ़ाई की थीं.

साठ से ज्यादा फिल्मों में अभिनय

अभिनय के फील्ड में ज़लाल आग़ा वर्ष 1960 से 1993 तक सक्रिय रहे. खूब काम किया. अच्छी-बुरी सभी कैटेगरी की फिल्में कीं. जलाल आग़ा के अभिनय की शुरुआत बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट हुई थीं. जब गुज़रे, तो एक नामी कलाकार के तौर पर बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में वे स्थापित हो चुके थे.‌

मुगल-ए-आज़म' थी पहली फिल्म

वर्ष 1960 में रिलीज हुई के आसिफ़ निर्देशित ब्लाकबस्टर फिल्म 'मुगल-ए-आज़म' जलाल आग़ा की पहली मूवी थीं. इस फिल्म में जलाल आग़ा ने यंग दिलीप कुमार की भूमिका निभाई थी. निर्देशक के आसिफ को यह रोल खूब जंचा था. कहते हैं कि जलाल आग़ा उनकी‌ पहली पसंद थे.

 दिलीप कुमार साहेब ने भी युवा जलाल आग़ा की भूमिका देखने के बाद आग़ा की पीठ थपथपाते हुए कहा था - 'तुम बहुत दूर तक जाओगे.'


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 'सात हिंदुस्तानी' में थीं की खास भूमिका

वर्ष 1969 में रिलीज हुई ख्वाज़ा अहमद अब्बास की फिल्म 'सात हिंदुस्तानी' में जलाल आग़ा ने एक खास किरदार निभाया था. शुरू में यह रोल किसी और के हिस्से में था.‌ जब अब्बास साहेब को पता चला यह   लड़का मशहूर हास्य अभिनेता आग़ा का बेटा है, तो उन्होंने अपनी इस फिल्म में उसे लेने में देर नहीं की. इस तरह ज़लाल आग़ा को मिला था काम.

1970 में की अंग्रेजी फिल्म 'बांबे टॉकी'

ख्वाज़ा अहमद अब्बास की फिल्म 'सात हिंदुस्तानी' हालांकि बहुत चली नहीं, लेकिन इस फिल्म के अभिनेता चर्चा में जरूर आ गए थे. तब अंग्रेजी फिल्म प्रोड्यूस करने और कुशल निर्देशन के लिए मर्चेंट आइवेरी का बड़ा नाम था.

जब मर्चेंट आइवेरी ने सुना, जलाल आग़ा ने अब्बास की 'सात हिंदुस्तानी' में काम किया है, तो आइवेरी ने झट से जलाल आग़ा को भी अपनी अंग्रेजी फिल्म 'बांबे टॉकी' (1970) में कास्ट कर लिया. इससे जलाल आग़ा की कामयाबी का रास्ता और खुल गया.अभिनय  में ‌ हिम्मत बढ़ती गई.

'शोले' ने जलाल आग़ा को दी  ऊंचाई

वर्ष 1975 में बनीं रमेश सिप्पी की बाक्स आफिस हिट मूवी 'शोले' में एक छोटे से किरदार ‌ने जलाल आग़ा की अभिनय क्षमता पर जैसे ठप्पा लगा दिया. फिल्म के साथ  इसके सभी किरदार हिट हो गए. हिट होने वालों में एक अभिनेता जलाल आग़ा भी थे. जलाल आग़ा ने फिल्म 'शोले' में 'महबूबा-महबूबा' गाने को अपना लिप्स दिया था.

'जूली' में  काम को सराहा गया

वर्ष 1975 में  निर्देशक सेतु माधवन की एक फिल्म आई थीं 'जूली', जिसके गाने आज भी चाव से सुने जाते हैं. इस फिल्म में अभिनेता जलाल आग़ा ने एक 'साइलेंट लवर' का रोल‌ किया था. फिल्म में जलाल आग़ा की इस भूमिका को भी दर्शकों ने सराहा और ज़लाल आग़ा को आगे काम मिलता चला गया.

'गर्म हवा' में  काम ‌पसंद किया गया

वर्ष 1973 में एमएस सथ्यू निर्देशित एक फिल्म आई थीं, जिसका नाम था  'गर्म हवा'. इस मूवी में ज़लाल आग़ा एक प्रेमी की भूमिका में थे. गीता सिद्धार्थ प्रेमिका बनी थीं. अब ना जलाल आग़ा जिंदा हैं और ना ही गीता सिद्धार्थ.

बलराज साहनी और शौकत आज़मी अभिनीत 'गर्म हवा' भारत-पाक विभाजन के केंद्र में एक मुस्लिम परिवार पर क्या बीतता है, यह उसी की कहानी है. इस फिल्म को ढ़ेर सारा पुरस्कार मिला. कॉन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में 'गर्म हवा' नामांकित भी थीं.

हृषीकेश मुखर्जी की 'मझली दीदी' में भी काम किया

वर्ष 1960 में आई हृषीकेश मुखर्जी की फिल्म 'मझली दीदी' में भी ज़लाल आग़ा ने काम किया था. धर्मेंद्र और मीना कुमारी अभिनीत इस फिल्म में जलाल आग़ा ने कमल की भूमिका निभाई थीं. बांग्ला के मशहूर लेखक शरतचंद्र चट्टोपाध्याय की एक चर्चित कहानी पर यह फिल्म बनी थी.

जलाल ने मुजफ़्फ़र अली के साथ भी काम किया

बहुत कम लोगों को मालूम है जलाल आग़ा ने मशहूर फिल्मकार मुजफ़्फ़र अली की फिल्म 'गमन' (1978) में भी काम किया है. इस फिल्म में अभिनेता फारुख शेख़ और स्मिता पाटिल थीं.  फिल्म के कुछ गाने अभी भी हिट हैं.‌

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 'घरौंदा', 'दिल आखिर दिल है' और 'सारा आकाश'

भीमसेन निर्देशित और अमोल पालेकर अभिनीत फिल्म 'घरौंदा' (1977) तथा इस्माइल श्रॉप निर्देशित 'दिल आखिर दिल है' (1982) में भी ज़लाल आग़ा ने नसीरुद्दीन शाह के दोस्त का किरदार निभाया था. बासु चटर्जी की फिल्म 'सारा आकाश' (1969) में भी ज़लाल आग़ा के काम की सराहना हुई है.

बहुत कम लोग जानते हैं अभिनेता/निर्देशक टीनू आनंद के साले होते थे जलाल आग़ा. इसके अलावा जलाल आग़ा की बहन शाही आग़ा की शादी हास्य अभिनेता महमूद के छोटे भाई शौकत अली से हुई थी.

जलाल आग़ा की आखिरी फिल्म थीं 'पहला नशा'

अभिनेता ज़लाल आग़ा की आखिरी फिल्म थीं 'पहला नशा', जो वर्ष 1993 में आई थीं. यह निर्देशक आशुतोष गोवारीकर की पहली फिल्म थी. इस मूवी में ज़लाल आग़ा महेश आहूजा बने थे. इस फिल्म में दीपक तिजोरी, पूजा भट्ट, रवीना टंडन और अवतार गिल ने खास भूमिका निभाई थीं.

एक हिंदी फिल्म आई थीं 'गूंज', जिसका निर्देशन जलाल आग़ा ने किया था. इस फिल्म को उन्होंने लिखा भी था. कुछ गड़बड़ियों की वजह से 'गूंज' वर्ष 1989 में रिलीज हुई थी.