फरीदा जलाल: बाॅलीवुड की सुपर स्टार मां

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 16-03-2025
Farida Jalal: Bollywood's superstar mother
Farida Jalal: Bollywood's superstar mother

 

 अली अब्बास

बॉलीवुड में कुछ कलाकार ऐसे होते हैं जो ग्लैमर की चकाचौंध से दूर रहते हुए भी दर्शकों के दिलों में अपनी खास जगह बना लेते हैं. फरीदा जलाल भी ऐसी ही एक अभिनेत्री हैं, जिन्होंने हिंदी सिनेमा में मां, दादी, बहन और परदादी की भूमिकाओं से गहरी छाप छोड़ी है. चाहे वह फिल्म की मुख्य पात्र हों या नायक की बहन, ऐसा लगता है जैसे ये सभी भूमिकाएं उन्हें ध्यान में रखकर लिखी गई थीं.

सुपरस्टार राजेश खन्ना के साथ टैलेंट हंट जीतने का सफर

1965 में आयोजित एक टैलेंट हंट ने फरीदा जलाल के लिए बॉलीवुड के दरवाजे खोल दिए. यह वही प्रतियोगिता थी जिसमें बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना भी फाइनल में पहुंचे थे, लेकिन दिलचस्प बात यह है कि फरीदा जलाल भी इस प्रतियोगिता की विजेता बनी थीं. यही वह पहला मौका था जब इंडस्ट्री को इस बहुमुखी प्रतिभा की झलक मिली.

बॉलीवुड में एंट्री और शुरुआती संघर्ष

टैलेंट हंट जीतने के बाद, फरीदा जलाल की प्रतिभा को मशहूर निर्माता ताराचंद बड़जात्या ने पहचाना और उन्हें फिल्म 'तकदीर' (1967) में मुख्य भूमिका दी. इस फिल्म में उनके साथ भारत भूषण और जॉनी वॉकर जैसे अनुभवी कलाकार थे. हालांकि, इस फिल्म को जितनी सफलता नहीं मिली, लेकिन फरीदा जलाल के अभिनय को पहचान मिलने लगी.

इसके बाद 1969 में उन्होंने राजेश खन्ना के साथ 'आराधना' में काम किया, जिसमें उन्होंने नायक की पत्नी की भूमिका निभाई. लेकिन जल्द ही उन्होंने बहन और मां की भूमिकाओं में खुद को ढाल लिया.

लीजेंड्स के साथ काम करने का सौभाग्य

फरीदा जलाल के करियर का एक बड़ा मोड़ आया जब उन्हें 'गोपी' (1970) में लीजेंड दिलीप कुमार की बहन का किरदार निभाने का मौका मिला. इस बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा था, "अगर मुझे सेट पर जाकर दिलीप साहब से मिलने का मौका मिले तो मैं उसे कभी नहीं छोड़ूंगी.."

इसके बाद उन्होंने 1971 में 'पारस' फिल्म में दमदार भूमिका निभाई और सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार जीता.इसी तरह, 1974 में आई 'मजबूर' में अमिताभ बच्चन की बहन की भूमिका के लिए भी उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला.

हर सुपरस्टार की मां या बहन बनने का सफर

फरीदा जलाल ने अपने लंबे करियर में राजेश खन्ना, दिलीप कुमार, अमिताभ बच्चन, आमिर खान, शाहरुख खान और सलमान खान जैसे सुपरस्टार्स की मां, बहन या दादी की भूमिका निभाई. 

शाहरुख खान के साथ उनकी जोड़ी 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' और 'कुछ कुछ होता है' जैसी सुपरहिट फिल्मों में देखी गई. उन्होंने कहा था, "शाहरुख के साथ काम करते हुए मुझे सचमुच मां-बेटे का रिश्ता महसूस होता है."

व्यक्तिगत जीवन और संघर्ष

फरीदा जलाल का जन्म मार्च 1949 में मुंबई में हुआ था. हालांकि, कुछ स्थानों पर उनकी जन्मतिथि 18 मई 1950 भी दर्ज है. उनके माता-पिता, नजवा और मुहम्मद सामी चौधरी, तब अलग हो गए जब वह सिर्फ दो साल की थीं. इस मुश्किल समय में उनकी दादी और मां ने उन्हें पाला.

1974 में फिल्म 'जीवन रेखा' के सेट पर उनकी मुलाकात अभिनेता तबरेज़ बरमावार से हुई और 1978 में दोनों ने शादी कर ली. शादी के बाद वे बैंगलोर चले गए, जिससे फरीदा कुछ सालों तक फिल्मी दुनिया से दूर रहीं. 2003 में तबरेज़ के निधन के बाद, उन्होंने अपने बेटे यासीन बरमावार के साथ जीवन बिताना जारी रखा.

'हीरा मंडी' और नए दौर की शुरुआत

हाल ही में, फरीदा जलाल नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज 'हीरा मंडी' में कुदसिया बेगम की भूमिका में नजर आईं. उन्होंने बताया कि वह अब भी नई भूमिकाओं की तलाश में हैं और अपने काम से संतुष्ट हैं.

सम्मान और विरासत

फरीदा जलाल ने सत्यजीत रे, श्याम बेनेगल, गुलजार और कुंदन शाह जैसे दिग्गज निर्देशकों के साथ काम किया है. वह 'शतरंज के खिलाड़ी' में सत्यजीत रे के निर्देशन में काम करने को अपने करियर का अहम पड़ाव मानती हैं.

आज, फरीदा जलाल सिर्फ एक अभिनेत्री नहीं बल्कि हिंदी सिनेमा की एक महत्वपूर्ण विरासत बन चुकी हैं. उन्होंने कहा था, "मेरे लिए सबसे बड़ा पुरस्कार सम्मान कमाना है, और मैं खुश हूं कि मैं इसे पाने में सफल रही."

बॉलीवुड की इस 'मां' ने अपने अभिनय और गरिमा से एक मिसाल कायम की है, जिसे आने वाली पीढ़ियां हमेशा याद रखेंगी.