नई दिल्ली
कुछ पल ऐसे होते हैं जो इंसान की ज़िंदगी हमेशा के लिए बदल देते हैं. बॉलीवुड अभिनेता इमरान हाशमी के जीवन में भी एक ऐसा ही मोड़ 2014 में आया, जब उनके बेटे अयान को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का पता चला। मात्र कुछ घंटों में उनका पूरा जीवन जैसे थम सा गया.
इमरान ने अपनी किताब में उन कठिन दिनों का ज़िक्र किया है, जब उनका परिवार दर्द और डर के साए में जी रहा था. अयान की एक किडनी तक काम करना बंद कर चुकी थी. हाल ही में एक पॉडकास्ट के दौरान इमरान ने बताया कि कैसे उन्होंने मानसिक रूप से खुद को संभाला और अपने बेटे के साथ हर मोर्चे पर डटे रहे.
अभिनेता ने बताया कि जब उन्हें पहली बार अयान की बीमारी का पता चला, तो जैसे उनके पैरों तले ज़मीन खिसक गई. वे उस दिन को याद करना भी नहीं चाहते. उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी ने उन्हें कभी हार न मानने का हौसला दिया और मुश्किल वक्त में उनका सबसे बड़ा सहारा बनीं..
इमरान ने यह भी कहा कि उन्होंने अपने बेटे से कभी कोई बात नहीं छिपाई. वे चाहते थे कि अयान को भी अपने संघर्ष की पूरी सच्चाई पता हो, इसलिए उन्होंने अपने अनुभवों को किताब में दर्ज किया..
बात करते हुए इमरान ने एक खास दिन को याद किया, जब वे दोपहर के समय अपने पूरे परिवार के साथ खाना खा रहे थे. उसी दौरान उन्हें कुछ लक्षण नजर आए, जिससे उन्हें शक हुआ कि कुछ ठीक नहीं है.. उन्होंने बिना देरी किए बेटे को अस्पताल पहुंचाया और अगले 12 घंटे में ज़िंदगी एकदम बदल गई.
अगले पांच साल इमरान और उनके परिवार के लिए किसी युद्ध से कम नहीं थे.. इलाज के लंबे दौर और मानसिक दबाव के बाद अब अयान पूरी तरह स्वस्थ है. हालांकि, इमरान मानते हैं कि वह कठिन समय उनके जीवन का ऐसा अध्याय है जो कभी मिट नहीं सकता.
उन्होंने कहा कि उस अनुभव ने उन्हें जिंदगी की असली अहमियत सिखा दी — कैसे संघर्ष, धैर्य और परिवार के साथ से सबसे कठिन हालात में भी रास्ता निकल आता है..