शाहरुख और सलमान खान की लड़ाई को खत्म करने में बाबा सिद्दीकी ने निभाई थी अहम भूमिका

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 13-10-2024
Baba Siddiqui played an important role in ending the fight between Shahrukh and Salman Khan
Baba Siddiqui played an important role in ending the fight between Shahrukh and Salman Khan

 

आवाज द वाॅयस/मुंबई

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की मुंबई के बांद्रा में गोली मारकर हत्या कर दी गई, उन्होंने बॉलीवुड के दो बड़े सितारों शाहरुख खान और सलमान खान के बीच लड़ाई खत्म करने में अहम भूमिका निभाई थी.बाबा सिद्दीकी न केवल अपनी राजनीतिक संबद्धताओं के लिए प्रसिद्ध थे, बल्कि वे अपने भव्य कार्यक्रमों की मेजबानी के लिए भी जाने जाते थे.

2013 में आयोजित इसी तरह के एक कार्यक्रम में उन्होंने बॉलीवुड के दो सबसे बड़े सितारों, शाहरुख खान और सलमान खान को फिर से मिलाने में भूमिका निभाई थी.हालाँकि दोनों अभिनेताओं के बीच कभी-कभार मतभेद और सार्वजनिक झगड़े हुए हैं, लेकिन उन्होंने हमेशा एक विशेष बंधन बनाए रखा है.

 

उनके रिश्ते में एक महत्वपूर्ण क्षण 2013 में बाबा सिद्दीकी की इफ्तार पार्टी में आया, जब शाहरुख खान और सलमान खान ने अपने पांच साल के लंबे अंतराल को समाप्त कर दिया.बाबा सिद्दीकी की इफ्तार पार्टी उस सुलह की पृष्ठभूमि बन गई जिसका सभी को इंतजार था. शाहरुख खान और सलमान खान, जो 2008 में कैटरीना कैफ की जन्मदिन की पार्टी में हुए झगड़े के बाद एक-दूसरे से मिलने से बचते रहे थे.

इफ्तार पार्टी में आखिरकार दोनों आमने-सामने आ गए. उनके बीच का तनाव दूर हो गया और उन्होंने एक-दूसरे को गर्मजोशी से गले लगाया. इस यादगार पल की तस्वीर सोशल मीडिया और न्यूज चैनलों पर वायरल हो गई.
 

बाबा सिद्दीकी का राजनीतिक जीवन 

बाबा जियाउद्दीन सिद्दीकी का नाम भारतीय राजनीति में बड़े आदर और सम्मान के साथ लिया जाता है. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस पार्टी से की और 1999 में बांद्रा पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर अपनी पहचान बनाई.

उनके राजनीतिक कौशल और लोकप्रियता ने उन्हें 2004 और 2009 में भी विधानसभा चुनाव जिताने में मदद की. हालाँकि, 2014 में भाजपा के आशीष शेलार से हारने के बाद उनकी राजनीतिक राह में रुकावट आई, लेकिन इससे उनका जनाधार कमजोर नहीं हुआ.

कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन सरकार के दौरान, 2004 से 2008 तक, उन्होंने खाद्य और नागरिक आपूर्ति राज्य मंत्री के रूप में भी कार्य किया. हालाँकि, राजनीतिक परिस्थितियों के बदलने के साथ, उन्होंने हाल ही में कांग्रेस छोड़कर एनसीपी का दामन थामा था और अजीत पवार के करीबी माने जाते थे.

राजनीतिक, सामाजिक प्रभाव

बाबा सिद्दीकी की हत्या ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है. एनसीपी, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस घटना की निंदा की है और राज्य सरकार से इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है. बाबा सिद्दीकी की मौत से एनसीपी और उनके समर्थकों को गहरा झटका लगा है, और इस हत्या ने राज्य की सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं.