मजदूरी करने वाले 21 वर्षीय सरफराज ने पास किया NEET 2024

Story by  ओनिका माहेश्वरी | Published by  onikamaheshwari | Date 23-11-2024
21-year-old Sarfaraz, a laborer, passed NEET 2024 (This Bengal boy has made it to the Nil Ratan Sircar Medical College in Kolkata. (Photo Credits: Instagram))
21-year-old Sarfaraz, a laborer, passed NEET 2024 (This Bengal boy has made it to the Nil Ratan Sircar Medical College in Kolkata. (Photo Credits: Instagram))

 

आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली 
 
अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करने को मजबूर पश्चिम बंगाल के एक युवक ने 720 में से 677 अंकों के प्रभावशाली स्कोर के साथ राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा 2024 या NEET-UG में सफलता प्राप्त की है. पश्चिम बंगाल के एक गांव के 21 वर्षीय मजदूर सरफराज की कहानी वायरल हो गई है, जिसका वीडियो फिजिक्स वाला के संस्थापक अलख पांडे ने साझा किया है. शेख सरफराज की दृढ़ता और दृढ़ संकल्प की कहानी ने सोशल मीडिया पर लाखों लोगों को छुआ है क्योंकि वह हर दिन ईंटें ढोने से लेकर कोलकाता के प्रतिष्ठित नील रतन सरकार मेडिकल कॉलेज में जगह हासिल करने तक के सफर का नेतृत्व करता है.
 
सरफराज, जो अपने परिवार के साथ पीएम आवास योजना के तहत बने घर में रहता है, अपने परिवार की आर्थिक मदद करने के लिए अपने पिता के साथ कड़ी मेहनत करता था 21 वर्षीय सरफराज ने यह भी बताया कि वह रोजाना आठ घंटे काम करता था और शाम को पढ़ाई करता था, जबकि उसे रोजाना 200 से 400 ईंटें उठाने का काम करना पड़ता था.
 
 
 
एक वीडियो में सरफराज की मां ने भी बताया कि कैसे वह बिना छत वाले घर में पढ़ाई करता था और पूरी रात ठंड में बैठा रहता था. उन्होंने कहा, "हमारे सिर पर छत नहीं थी. उसे सर्दी न लगे, यह सुनिश्चित करने के लिए मैं पूरी रात उसके साथ बाहर बैठती थी."
 
एक अन्य वीडियो में सरफराज ने बताया कि कैसे लोग अक्सर उसे मजदूर के तौर पर काम करने के लिए चिढ़ाते थे, जबकि वह पढ़ा-लिखा था. वह भावुक होते हुए कहता है, "मेरे आस-पास के लोग कहते थे कि मैं इतनी पढ़ाई करने के बाद भी मजदूर के तौर पर काम कर रहा हूं."
 
कठिनाइयों के बावजूद सरफराज की किस्मत कोविड-19 महामारी के दौरान बदल गई, जब उसने एक फोन खरीदा और फिजिक्स वाला के वीडियो के जरिए यूट्यूब पर पढ़ाई शुरू की. बाद में उसने छूट के साथ एक पीडब्लू कोर्स में दाखिला लिया और टूटी स्क्रीन वाले फोन से पढ़ाई की. सरफराज ने 2023 में डेंटल कॉलेज में दाखिला लिया था, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण उसे पढ़ाई छोड़नी पड़ी. उसने 2024 में फिर से प्रयास किया और विजयी हुआ.
 
सरफराज के प्रयासों से प्रभावित होकर अलख पांडे ने न केवल उसे एक नया फोन देकर उसका समर्थन किया, बल्कि उसकी कॉलेज फीस के लिए 5 लाख रुपये देने की पेशकश भी की. पांडे ने कहा, "यह 5 लाख रुपये कोई उपहार नहीं बल्कि एक ऋण है. आपको भविष्य में अपने जैसे किसी अन्य जरूरतमंद व्यक्ति की मदद करके इसे चुकाना होगा."