उत्तराखंड: अवैध मदरसे बंद होने पर, बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिले मिलेगा

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 27-03-2025
Uttarakhand: If illegal madrasas are closed, children will get admission in government schools
Uttarakhand: If illegal madrasas are closed, children will get admission in government schools

 

देहरादून. उत्तराखंड में अवैध मदरसों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है. पिछले एक महीने में प्रदेश के कई जिलों में 136 अवैध मदरसों को सील कर दिया गया है. सबसे ज्यादा उधमसिंह नगर जिले में 64 मदरसों को सील किया गया है.

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में 450 मदरसे मदरसा बोर्ड से पंजीकृत हैं, लेकिन करीब 500 मदरसे बिना पंजीकरण के अवैध रूप से चल रहे हैं. इसी कारण पूरे प्रदेश में इनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं. इस कार्रवाई से जहां एक ओर अवैध मदरसे सील हो रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ इनमें पढ़ने वाले बच्चों के लिए संकट पैदा हो रहा है कि आखिर इन बच्चों की शिक्षा का भविष्य क्या होगा?

उत्तराखंड के शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रदेश में दो तरह के मदरसे चल रहे हैं, एक जो मदरसा बोर्ड से पंजीकृत हैं और दूसरे जो बिना पंजीकरण के संचालित हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि ऐसे बच्चों के लिए दो विकल्प हैं पहला, वे मदरसा बोर्ड से पंजीकृत मदरसों में पढ़ाई कर सकते हैं, और दूसरा, वे शिक्षा विभाग के सरकारी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा ले सकते हैं. जल्द ही स्कूलों में दाखिले की प्रक्रिया शुरू होगी. शिक्षा विभाग की ओर से नए शैक्षिक सत्र के लिए आयोजित होने वाले 'प्रवेश उत्सव' के दौरान शिक्षक घर-घर जाकर अभिभावकों से संपर्क करते हैं कि वे बच्चों का दाखिला स्कूल में कराएं, ताकि कोई भी बच्चा पढ़ाई से छूटने न पाए.

उन्होंने आगे कहा कि राइट टू एजुकेशन के तहत सभी बच्चों को शिक्षा का अधिकार है. उन्होंने बताया कि देहरादून में सील किए गए मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या करीब एक हजार है. इसके अलावा, शिक्षा विभाग उन सभी जिलों से डेटा जुटा रहा है जहां मदरसे सील हुए हैं, ताकि वहां के बच्चों की संख्या का पता लगाया जा सके. शिक्षकों और अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे संबंधित विभागों से संपर्क करें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे.