डॉ. इदरीश अहमद ने आगे कहा कि इस दार्शनिक-कवि को दुनिया छोड़े 154 साल हो गए, लेकिन जो शोहरत इस दार्शनिक-कवि को मिली, वह किसी अन्य कवि को नहीं मिली. उर्दू और फ़ारसी भाषा के इस कवि ने नर्स में भी अपनी उत्कृष्टता दिखाई और अपने मित्रों और छात्रों को लिखे उनके पत्र और पत्र-व्यवहार बहुत प्रसिद्ध हैं. इसी तरह ग़ालिब की हाज़िरजवाबी और नज़ाकत से जुड़े कई किस्से हमें पढ़ने को मिलते हैं.
वहीं, प्रोफेसर आसिफ नकवी ने कहा कि आज बच्चों के प्रदर्शन से मैं बहुत खुश हूं और अगर इसमें कोई कमी रह गई है तो हमें इस समय मोटिवेशन के साथ ही काम करना चाहिए क्योंकि कलाम ए गालिब के पढ़ने से शिक्षक अभिभूत हैं, अभी ये शुरुआत है.
अब्दुल रहमान ने कहा कि मुझे खुशी है कि गालिब इंस्टीट्यूट ने ऐसी प्रतियोगिता का आयोजन किया. इस प्रतियोगिता से हमें यह भी पता चला कि हमारे यहां ऐसे भी प्रतिभाशाली छात्र मौजूद है.
गालिब इंस्टीट्यूट की ओर से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए गजल सराई प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. जिसमें सैयद आबिद हुसैन सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सलवान पब्लिक स्कूल, क्रिसेंट स्कूल, रामजस गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल और एंग्लो अरबिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल के छात्रों ने भाग लिया. इस कार्यक्रम में जज के तौर पर प्रोफेसर आसिफ नकवी और मशहूर गजल गायक उस्ताद अब्दुल रहमान ने हिस्सा लिया.
प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार सैयद आबिद हुसैन सीनियर सेकेंडरी स्कूल की उमीमा बानो, द्वितीय पुरस्कार एंग्लो-अरबी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के मुहम्मद कैफ और तृतीय पुरस्कार रामजस गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल की फैजा को दिया गया.
इसके अलावा दो विशेष पुरस्कार भी दिए गए जिसमें सलवान पब्लिक स्कूल के हार्दिक कुमार कारू और क्रिसेंट स्कूल की नबीला को क्रमश: प्रथम और द्वितीय विशेष पुरस्कार प्रदान किया गया. दूसरे विशेष पुरस्कार में अरहम (सैयद आबिद हुसैन सीनियर सेकेंडरी स्कूल) और प्रियांशी (सलवान पब्लिक स्कूल) को क्रमशः पहला और दूसरा स्थान मिला.
प्रतियोगिता की संयोजक यास्मीन फातिमा ने सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया, बच्चों का उत्साहवर्धन किया और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं.