आवाज-द वॉयस / पटना
रहमानी प्रोग्राम ऑफ एक्सीलेंस (रहमानी 30) ने नए सत्र (24-2022) की घोषणा की है. प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए रहमानी 30 की प्रवेश परीक्षा इस वर्ष देश भर के विभिन्न केंद्रों पर आयोजित की जाएगी या कोरोना गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन ली जाएगी.
आवेदकों को पाठ संदेश, ईमेल और वेबसाइट के माध्यम से परीक्षा की सूचना दी जाएगी. हर साल की तरह इस साल भी देशभर से छात्रों का चयन किया जाएगा.
इस प्रवेश परीक्षा में मुस्लिम अल्पसंख्यक छात्र हिस्सा ले सकेंगे, जो इस साल 2022 में 10वीं की बोर्ड परीक्षा में हिस्सा लेंगे, जिसके लिए उन्हें ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा. फॉर्म के बारे में अधिक जानकारी के लिए http://www.rahmanimission.org पर लॉग ऑन करें.
गौरतलब है कि कोविड 19 की वजह से पूरे देश में कई बार लॉकडाउन लागू किया गया था. जन-जीवन के साथ-साथ शिक्षा व्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित हुई, रहमानी 30के छात्रों सहित देश के सभी छात्रावास कई बार बंद हो गए, लेकिन रहमानी के उत्कृष्टता कार्यक्रम ने पहले लॉकडाउन से सभी समस्याएं पैदा कर दीं. अभी भी ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं.
जब सितंबर-अक्टूबर में इंजीनियरिंग और मेडिकल के नतीजे आए, तो उन्हें इस बात का अहसास नहीं था कि रहमानी 30 छात्रों की सफलता दर कोविड 19 से प्रभावित है. कोविड के बावजूद इस साल रहमानी 30 इंजीनियरिंग के 68छात्र आईआईटी एडवांस में और 185 छात्र जेईई मेन्स में सफल हुए.
जहां 100 फीसदी मेडिकल छात्रों ने नीट परीक्षा पास की और 61 बच्चों को सरकारी मेडिकल सीट मिली, वहीं इस साल 37 छात्र कॉमर्स में आए.
रहमानी 30 की प्रवेश परीक्षा राज्य बोर्ड, सीबीएसई और सीआईएससीई के संयुक्त पाठ्यक्रम पर आधारित होगी. इन प्रश्नों में गणित, भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी भाषा और इस्लामी सूचना के अलावा मानसिक गणित और मनोवृत्ति प्रश्न शामिल होंगे. जो इस वर्ष 2022 में 10वीं कक्षा में भाग ले रहे हैं.
रहमानी 30 की स्थापना 2008 में मौलाना मुहम्मद वली रहमानी ने अभियानन्द जी (पूर्व डीजीपी, बिहार) की अकादमिक देखरेख में की थी. इसका उद्देश्य मुस्लिम अल्पसंख्यक छात्रों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करना और उन्हें उच्च शिक्षा संस्थानों में ले जाना था. अल्हम्दुलिल्लाह रहमानी 30के बैनर तले मुस्लिम छात्रों ने इंजीनियरिंग, मेडिकल और कॉमर्स के क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है.
मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी, सदस्य ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, सज्जादा नशीन खानकाह रहमानी मुंगेर और संरक्षक रहमानी 30 ने अनुरोध किया है कि इस अभियान में देश के छात्र, अभिभावक, स्कूल अधिकारी और बुद्धिजीवी शामिल हों. बढ़ो और भाग लो. बेशक यह मुस्लिम अल्पसंख्यक के लिए एक बड़ी उपलब्धि है और एक उज्ज्वल भविष्य की गारंटी है. देश से शैक्षिक पिछड़ेपन को मिटाना और उज्जवल भविष्य के लिए मजबूत और दृढ़ कदम उठाना हम सभी का राष्ट्रीय कर्तव्य है.