आवाज द वाॅयस/ नई दिल्ली
जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) को अब एक नए नेतृत्व का सौभाग्य प्राप्त हुआ है.प्रोफेसर मजहर आसिफ, जो पहले स्कूल ऑफ लैंग्वेज, जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू), नई दिल्ली में कार्यरत थे, अब जेएमआई के नए कुलपति के रूप में अपनी जिम्मेदारियाँ संभालेंगे.
भारत के राष्ट्रपति ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया अधिनियम, 1988 के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए, प्रोफेसर आसिफ को इस पद पर नियुक्त किया.यह नियुक्ति उनके पदभार ग्रहण करने की तिथि से पाँच वर्षों के लिए होगी, या फिर उनकी उम्र 70 वर्ष हो जाने पर, जो भी पहले होगा.
प्रोफेसर मजहर आसिफ की नियुक्ति के पीछे उनकी शैक्षिक पृष्ठभूमि और अकादमिक उपलब्धियाँ हैं.उन्हें भाषाओं, साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में गहरी विशेषज्ञता प्राप्त है, और उन्हें इस भूमिका के लिए एक सक्षम और प्रेरणादायक नेता माना जाता है.
जामिया मिल्लिया इस्लामिया, जो एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय है, अपने विविध शैक्षिक कार्यक्रमों और अनुसंधान गतिविधियों के लिए जाना जाता है.ऐसे में प्रोफेसर आसिफ की नियुक्ति इस विश्वविद्यालय के विकास और उन्नति के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी.
कुलपति के रूप में उनकी जिम्मेदारियों में विश्वविद्यालय के प्रशासनिक कामकाज को संभालना, शैक्षणिक नीतियों का निर्धारण करना और छात्रों तथा फैकल्टी के बीच संवाद को बढ़ावा देना शामिल होगा.उनके आने से विश्वविद्यालय में नवाचार और शोध को बढ़ावा मिलने की संभावना है.
प्रोफेसर आसिफ का मानना है कि शिक्षा केवल ज्ञान का संचयन नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक परिवर्तन का उपकरण है.वे छात्रों को प्रेरित करने और उन्हें समाज के प्रति जिम्मेदार नागरिक बनाने में विश्वास रखते हैं.
जेएमआई परिवार ने प्रोफेसर मजहर आसिफ का स्वागत करते हुए उन्हें शुभकामनाएँ दी हैं.उनकी नियुक्ति के साथ ही विश्वविद्यालय में नए अवसरों और चुनौतियों का सामना करने की तैयारी है.
अब जामिया मिल्लिया इस्लामिया अपने नए कुलपति के नेतृत्व में नई ऊँचाइयों की ओर अग्रसर होने के लिए तत्पर है.प्रोफेसर आसिफ की नेतृत्व क्षमता और शैक्षणिक दृष्टिकोण से विश्वविद्यालय की दिशा में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद की जा रही है.