आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के शिक्षक प्रशिक्षण और अनौपचारिक शिक्षा विभाग (आईएएसई) ने "प्रिंसिपल्स इंटरएक्टिव मीट-2024" का आयोजन किया. यह आयोजन बी.एड. (सामान्य), बी.एड. (नर्सरी) और डी.एल.एड. के स्कूल इंटरेक्शन प्रोग्राम पर केंद्रित था. इसका आयोजन सलामतुल्लाह ब्लॉक के न्यू हॉल में हुआ.
इस अवसर पर आईएएसई के सभी संकाय सदस्य और प्रशिक्षु स्कूलों के प्राथमिक, माध्यमिक और वरिष्ठ माध्यमिक स्तर के प्रिंसिपल मौजूद रहे.कार्यक्रम की अध्यक्षता आईएएसई की अध्यक्ष प्रो. जेसी अब्राहम ने की. अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने उपस्थित प्रिंसिपलों का स्वागत करते हुए मीट के उद्देश्य पर प्रकाश डाला.
उन्होंने बताया कि इस समागम का उद्देश्य प्रिंसिपलों को उन विभिन्न गतिविधियों के बारे में अवगत कराना था, जिन्हें छात्र-शिक्षक अपनी इंटर्नशिप के दौरान स्कूलों में लागू करेंगे.बी.एड. द्वितीय वर्ष के समन्वयक डॉ. मोहम्मद मामूर अली ने स्कूल इंटर्नशिप कार्यक्रम के सभी घटकों को प्रस्तुत किया, जबकि बी.एड. नर्सरी प्रथम वर्ष के समन्वयक डॉ. डोरी लाल ने बी.एड. (सामान्य) सेमेस्टर-1 के इंटर्नशिप कार्यक्रम की जानकारी दी। बी.एड. नर्सरी द्वितीय वर्ष की समन्वयक डॉ. अशफिया दानिशयार ने अपने इंटर्नशिप कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताया.
प्रो. सविता कौशल और डॉ. कपिल ढींगरा ने भी बी.एड. नर्सरी प्रथम वर्ष के कार्यक्रम की संरचना और कार्यान्वयन पर चर्चा की। डी.एल.एड. द्वितीय वर्ष के समन्वयक डॉ. अरशद अंसारी ने प्राथमिक शिक्षा के डिप्लोमा में इंटर्नशिप की आवश्यकता और महत्व को रेखांकित किया, जबकि प्रथम वर्ष के समन्वयक डॉ. अंसार अहमद ने कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से लागू करने में स्कूल अधिकारियों की भूमिका पर चर्चा की..
कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों के प्रिंसिपलों ने चल रहे स्कूल इंटर्नशिप प्रोग्राम (एसआईपी) पर अपनी प्रतिक्रिया दी. इसे और प्रभावी बनाने के लिए उपयोगी सुझाव प्रस्तुत किए. उन्होंने सुझाव दिया कि इंटर्नशिप कार्यक्रम में शामिल स्कूलों के लिए कुछ दिशा-निर्देश भी तय किए जाएं, ताकि यह छात्र-शिक्षकों के लिए अधिक लाभकारी सिद्ध हो सके.
समापन सत्र में प्रो. जेसी अब्राहम ने सभी प्रिंसिपलों का धन्यवाद करते हुए उनकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया और सहयोग की सराहना की. उन्होंने आश्वासन दिया कि विभाग उनकी प्रतिक्रिया के आधार पर आवश्यक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है। कार्यक्रम का समापन बी.एड. प्रथम वर्ष की समन्वयक डॉ. डोरी लाल के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ.