एएमयू को हाईकोर्ट के नए आदेश

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 19-03-2025
New orders of High Court to AMU
New orders of High Court to AMU

 

अलीगढ़. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) को निर्देश दिया है कि वह भविष्य में पदों के लिए पात्रता मानदंड में किसी भी अस्पष्टता से बचने के लिए विज्ञापनों में सावधानी बरते. अदालत ने यह निर्देश विश्वविद्यालय में व्याख्याता (रसायन विज्ञान) के पद की पात्रता को लेकर चल रहे विवाद की सुनवाई करते हुए जारी किया.

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने 2019 और 2020 में लेक्चरर (रसायन विज्ञान) के पद के लिए विज्ञापन जारी किए थे, जिसमें प्रासंगिकध्उपयुक्तध्सह-अपेक्षित विषय में मास्टर डिग्री वाले उम्मीदवारों को पद के लिए योग्य घोषित किया गया था. महिला और दो अन्य याचिकाकर्ताओं ने चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था.

याचिकाकर्ताओं ने अदालत में तर्क दिया कि विज्ञापन में प्रासंगिकध्उपयुक्तध्सहायक विषय जैसे शब्दों का प्रयोग अस्पष्ट था, जिससे यह भ्रम पैदा हुआ कि औद्योगिक रसायन विज्ञान में मास्टर डिग्री वाले उम्मीदवार इस पद के लिए पात्र हैं या नहीं. याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल की डिग्री सहायक प्रोफेसर के लिए योग्य है और वह इस पद के लिए पात्र होंगे.

याचिका का निपटारा करते हुए न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेर ने कहा, इस तरह की अस्पष्टता को दूर किया जाना चाहिए और विश्वविद्यालय को पात्रता का स्पष्ट उल्लेख करना चाहिए ताकि सभी पात्र उम्मीदवार विज्ञापित पद के लिए आवेदन कर सकें.

अदालत ने कहा कि विश्वविद्यालय का आचरण मनमाना था, क्योंकि उसने औद्योगिक रसायन विज्ञान में मास्टर डिग्री को सहायक विषय के रूप में मान्यता दी, लेकिन दूसरी ओर, मनमाने ढंग से निर्णय लिया कि यदि रसायन विज्ञान में मास्टर डिग्री वाले उम्मीदवार नहीं मिलते हैं, तो ही अन्य उम्मीदवारों पर विचार किया जाएगा. याचिका लंबित रहने के दौरान चयन प्रक्रिया पूरी होने के संबंध में न्यायालय ने कहा कि चूंकि इस स्तर पर रिक्तियां पहले ही भरी जा चुकी हैं, इसलिए इस रिट याचिका में मांगी गई राहत अप्रभावी हो गई है.