Nazia, who succeeded in UPSC, said that daughters should get a chance for higher education
मोहम्मद अकरम / नई दिल्ली
शिक्षा ऐसी ताकत है जिसके माध्यम से किसी भी मंजिल को हासिल किया जा सकता हैं, सामाजिक तौर बदलाव उसी वक्त संभव है जब महिलाओं को उच्च शिक्षा का मौका मिले, जो लोग बेटियों को उच्च शिक्षा का मौका दिए बगैर जल्द शादी कर देते हैं वह गलत है. किसी भी मजहब के मानने वाले हो, उसे बेटियों को शिक्षा का मौका जरुर देना चाहिए.
उक्त बातें चौथी कोशिश में यूपीएससी में 670वां रैंक हासिल करने वाली नाजिया परवीन ने आवाज द वॉइस से बात करते हुए कही.
नाजिया परवीन मूल रूप से झारखंड के गिरिडीह जिले की रहने वाली हैं, उनकी माता जी गृहणी हैं और पिता कारोबारी हैं. उन्होंने 10th की परीक्षा गिरिडीह से पास करने के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी पहुंची जहां से इंटर में कामयाब हुईं और फिर जामिया मिल्लिया इस्लामिया के आवासीय कोचिंग पहुंची जहां सालों के सपने को पूरा की.
नाजिया कहती है कि उनकी इस सफलता में जामिया आरसीए का अहम रोल है.
दो बार नाकाम, मगर मायूस नहीं हुईं
नाजिया बताती हैं कि ये कामयाबी उन्होंने चौथी कोशिश में हासिल की हैं, इससे पहले वह दो बार झारखंड लोक सेवा आयोग में बैठी लेकिन कामयाबी नहीं मिली. नाजिया इसपर कहती हैं कि इंसान को कभी भी मायूस नहीं होना चाहिए, उस वक्त तक संघर्ष करते रहना चाहिए जब तक कि मंजिल न मिल जाए.
सकारात्मक चीजों पर ध्यान केंद्रित की
वह कहती है कि मेरा यहां तक का सफर पाँच छ साल तक का है, इस दौरान तीन बार नाकाम होने के बाद सकारात्मक और नकारात्मक चीजें सामने आईं लेकिन मैंने हमेशा सकारात्मक को आगे कर के यूपीएससी पर ध्यान केंद्रित की. जिसका नतीजा है कि सब्र का फल मीठा होता है अगर मेहनत से की जाए.
लड़कियों के उच्च शिक्षा पर नाजिया ने कहा कि हमारे समाज में आज भी लड़कियों की जल्द शादी कर दी जाती हैं, उसे उच्च शिक्षा हासिल करने का मौका नहीं दिया जाता है, इस पर ध्यान देना जरूरी है.हिन्दी भाषई छात्राओं के बारे में नाजिया ने बताई कि आज के वक्त में सब कुछ ऑनलाइन उपलब्ध है जहां पढ़ाई की जा सकती हैं.