MANUU में मौलाना आज़ाद दिवस समारोह: शिक्षा, संस्कृति और मानवता पर चर्चा

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 12-11-2024
Maulana Azad Day celebrations at MANUU: Discussion on education, culture and humanity file phopto
Maulana Azad Day celebrations at MANUU: Discussion on education, culture and humanity file phopto

 

आवाज द वाॅयस /हैदराबाद

मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय (MANUU) में आयोजित एक विशेष व्याख्यान में शिक्षा को एक अवधारणा और प्रणाली के रूप में समझने की गहन व्याख्या की गई. इस अवसर पर राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) के पूर्व निदेशक और पद्मश्री से सम्मानित प्रो. कृष्ण कुमार ने "उच्च शिक्षा को समझना और इसकी वर्तमान स्थिति" विषय पर अपने विचार साझा किए.

उन्होंने कहा कि शिक्षा एक ओर आदर्शों और मूल्यों का प्रतीक है, तो दूसरी ओर एक प्रणाली के रूप में यह समाज की ऐतिहासिक और सामाजिक परिस्थितियों को भी समेटे हुए है.

व्याख्यान की अध्यक्षता MANUU के कुलपति प्रो. सैयद ऐनुल हसन ने की। प्रो. कुमार ने मौलाना आज़ाद को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान ने हमें एक ऐसा दृष्टिकोण दिया, जो मानवता के लिए सार्वभौमिक था.

उन्होंने स्वतंत्रता के अधिकार के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह केवल विदेशी शासन से मुक्ति नहीं थी, बल्कि व्यक्तिगत और बौद्धिक स्वतंत्रता का अभ्यास भी था. उन्होंने कहा, "स्वतंत्रता के अभ्यास के बिना इसे खोने का खतरा रहता है, और मौलाना आज़ाद को याद करने का सबसे अच्छा तरीका उनकी इसी विरासत को बनाए रखना है.

प्रोफेसर ऐनुल हसन ने पंचतंत्र की कहानी का उदाहरण देते हुए बताया कि दोस्ती और समझ की अहमियत उच्च शिक्षा में ही संभव होती है. उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा न केवल ज्ञान का विस्तार करती है, बल्कि व्यक्तित्व को भी आकार देती है.

इस अवसर पर, कार्यक्रम का संचालन प्रो. सिद्दीकी मोहम्मद महमूद, ओएसडी 2 ने किया, जबकि स्वागत भाषण प्रोफेसर इश्तियाक अहमद, रजिस्ट्रार ने दिया. प्रोफेसर शुगुफ्ता शाहीन, ओएसडी 1 ने मुख्य अतिथि का परिचय दिया और प्रोफेसर सैयद अलीम अशरफ जायसी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया.

कार्यक्रम में पत्रकारिता में उत्कृष्ट योगदान के लिए सियासत उर्दू दैनिक के ब्यूरो चीफ मोहम्मद रशीदुद्दीन और यूएनआई के वरिष्ठ पत्रकार वाजिद उल्लाह खान को "सितारा-ए-सहाफत" पुरस्कार से सम्मानित किया गया. साथ ही प्रो. एस.एम. अजीजुद्दीन हुसैन और प्रो. इम्तियाज हसनैन की पुस्तकों का विमोचन भी किया गया.अज़ाद दिवस समारोह का समापन फ़ूड फ़ेस्ट और मुशायरा जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ हुआ, जो 7 नवंबर से प्रारंभ हुआ था.