एम मिश्र/ लखनऊ
जमीयत उलमा ए हिंद की प्रदेश इकाई ने मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डा. इफ्तिखार अहमद जावेद से मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल ने गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे के मौजूदा रूप पर अपनी सहमति जताते हुए सर्वे के नाम पर मदरसा प्रबंधन को परेशान न किए जाने का अनुरोध किया. चेयरमैन ने प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया कि मदरसों को सर्वे कराने का मकसद मदरसों सही संख्या और उनके हालात का पता लगाना है ताकि जरुरत पड़ने पर उनको सुविधाएं दी जा सकें.
प्रदेश सरकार गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे करा रही है. इसको लेकर तरह तरह की खबरों से मदरसों के प्रबंधन खासा चिंतित हैं. ऐसे में जमीअत उलमा ए हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुददीन कासमी की अगुवाई में मौलाना शबीर मजाहिरी, मौलाना इसलामउल हक असजद कासमी, मौलाना मुफ्ती जफर कासमी, सैयद हुसैन अहमद, मौलाना अमीनुल हक अब्दुल्लाह, कारी जाकिर हुसैन, मौलाना अलाउददीन, मौलाना मुजीब अहमद ने मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डा. जावेद से मुलाकात की.
मौलाना हकीमुददीन ने कहा कि मदरसा का सर्वे जिन बिंदुओं को लेकर कराया जा रहा है हम उससे संतुष्ट हैं, लेकिन मदरसों के सर्वे के नाम पर प्रबंधन को परेशान नही किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि मदरसा प्रबंधन सर्वे के दौरान मांगी गई जानकारियां और उससे संबंधित कागजात भी प्रशासन को उपलब्ध करा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि इन जानकारी और उससे संबंधित कागजात का बाद में गलत इस्तेमाल न किया जाए. बोर्ड के चेयरमैन ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि मदरसों का साधारण सर्वे है, समय समय पर स्कूल कालेजों का भी सर्वे कराया जाता है. मदरसों का सर्वे शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमारा मकसद है कि मदरसों के बच्चे भी अन्य बोर्डों की तर्ज पर बेहतर शिक्षा हासिल कर सकें.