मोहम्मद अकरम / नई दिल्ली
जामिया मिल्लिया इस्लामिया आज अपना 103 वां स्थापना दिवस मना रहा हैं. इस मौके पर जामिया में कई प्रोग्राम का आयोजन किया गया जहां हाल ही में निर्मित शताब्दी गेट का भी उद्घाटन और ध्वजारोहण मशहूर अभिनेत्री शर्मिला टैगौर, आईएलबीएस, नई दिल्ली के संस्थापक और निदेशक डॉ. शिव कुमार सरीन और कुलपति नजमा अख्तर ने संयुक्त रूप से किया. एनसीसी कैडेट द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. एम ए अंसारी ऑडिटोरियम में आयोजित मुख्य समारोह में मशहूर अभिनेत्री शर्मिला टैगोर (बेगम आयशा सुल्ताना) को कुलपति नजमा अख्तर ने इम्तियाज ए जामिया की उपाधि से सम्मानित किया.
मेरे लिए भावनात्मक लम्हा
इस मौके पर अभिनेत्री शर्मिला टैगोर ने खुशी का इजहार करते हुए कहा कि आप जिंदगी में हमेशा अपने आस से बहुत कुछ सीखते हैं. जब मैंने विश्वविद्यालय में प्रवेश किया तो यह मेरे लिए एक भावनात्मक लम्हा था. मेरा काम 60 वर्षों तक लोगों की नजरों में रहने को दर्शाता है और लोगों ने मेरे प्रति जो दयालुता दिखाई है, उसे देखकर दिल खुश हो जाता है.
पहली महिला कुलपति द्वारा सम्मानित
शर्मिला टैगोर ने जोर देते हुए कहा कि मैं जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय की पहली महिला कुलपति द्वारा सम्मानित किए जाने के लिए शुक्रगुजार हूं.इम्तियाज-ए-जामिया जामिया मिलिया इस्लामिया का सर्वोच्च पुरस्कार है, जो समाज की भलाई के योगदान के लिए दिया जाता है.
हम लोग इतिहास पढ़ते हैं मगर आपने इतिहास बनाई है
जामिया की कुलपति नजमा अख्तर ने अभिनेत्री शर्मिला टैगोर को इम्तियाज ए जामिया से सम्मानित किए जाने पर कहा कि उन्हें (शर्मिला टैगोर को) हिंदी सिनेमा में उनके योगदान के लिए यह पुरस्कार दिया गया है. कुलपति ने शर्मिला टैगोर के बारे में कहा कि हम लोग इतिहास पढ़ते हैं मगर आप ने इतिहास बनाई है.
हजारों बच्चे देशभक्ति से प्रेरित हो कर योगदान दे रहे हैं
नजमा अख्तर ने जामिया के संस्थापकों को याद करते हुए अपने भाषण मे कहा कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया दिन रात तरक्की कर रहा हैं. राष्ट्र के निर्माण में जामिया की भूमिका पर रोशनी डालते हुए कहा कि यहां से हर वर्ष हजारों बच्चे देशभक्ति से प्रेरित हो कर अपने अपने मैदान में सेवा प्रदान कर रहे हैं. इसके साथ ही यहां के बच्चे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन कर रहे हैं.
जामिया मिल्लिया इस्लामिया में मेडिकल की मंजूरी मिलने पर खुशी व्यक्त करते हुए कुलपति ने कहा कि पांच वर्ष की मेहनत के बाद केंद्र सरकार ने मंजूरी दी हैं जिसमें जल्द ही दाखिला प्रक्रिया शुरु हो जाएगा. जामिया आरसीए से हर साल दर्जनों छात्र व छात्राएं निकल कर देश की सेवा कर रहे हैं.
नजमा अख्तर ने हालिया महिने चंद्रयान की कामयाबी के हवाले से कहा कि जामिया से निकले तीन छात्र की बड़ी भूमिका रही हैं.इस मौके पर शर्मिला टैगोर पर जामिया के छात्रों द्वारा तैयार र्शाट वीडियो की स्क्रीनिंग की गई.
आईएलबीएस, नई दिल्ली के संस्थापक और निदेशक डॉ. शिव कुमार सरीन ने अपने संबोधन में कहा कि Jamia is a Positivity हैं. मुझे खुशी है कि जामिया ने हमें यहां आने का मौका दिया. डॉ. शिव कुमार सरीन छात्रों अपने शैक्षिक अनुभवों और स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाई.
साइंस धर्म है और रिसर्च इबादत हैं
डॉ. शिव कुमार सरीन ने साइंस और धर्म के हवाले से कहा कि सभी धर्मों में साइंस को महत्व दिया गया. हमें उन्होंने कहा हमें डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम से प्रेरणा लेना चाहिए. साइंस धर्म है और रिसर्च इबादत हैं.
उप कुलपति प्रो. इकबाल हुसैन ने अपने संबोधन में मेहमानों का स्वागत किया. कार्यक्रम के दौरान कई प्रोफेसरों को उनकी उपलब्धियों के लिए इम्तियाज ए निशां से सम्मानित किया गया.
कार्यक्रम की शुरुआत उर्दू संकाय के शिक्षक शाहनवाज फैयाज के कुरान ए पाक की आयत पेश कर अनुवाद के साथ किया गया, और संचालन प्रो. फरहत बशीर ने की.