नई दिल्ली. मालदीव नेशनल यूनिवर्सिटी (एमएनयू) के एक प्रतिनिधिमंडल ने अपने चांसलर डॉ. महमूद शॉकी के नेतृत्व में जामिया मिलिया इस्लामिया का दौरा किया और यासिर अराफात हॉल में जामिया मिलिया इस्लामिया के नेतृत्व, प्रशासन और संकाय के साथ मुलाकात और बातचीत की.
इस अवसर पर माननीय शेख-उल-जमा, जामिया मिलिया इस्लामिया के प्रोफेसर मजहर आसिफ, प्रोफेसर मुहम्मद मेहताब आलम रिजवी, रजिस्ट्रार जामिया मिलिया इस्लामिया, संकायों के डीन और विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारी उपस्थित थे. प्रतिनिधिमंडल की यात्रा का उद्देश्य भारत और मालदीव के बीच शैक्षिक साझेदारी के अवसरों का पता लगाना था.
डॉ. महमूद ने ‘भारत और मालदीव के बीच शैक्षिक सहयोगरू पृष्ठभूमि और संभावनाओं की समीक्षा’ विषय पर प्रस्तुति दी. उन्होंने मालदीव के भौगोलिक पहलुओं, शिक्षा, अर्थव्यवस्था और पर्यटन सहित विभिन्न पहलुओं पर एक व्यापक प्रस्तुति दी. उन्होंने मालदीव और भारत के बीच गहरे संबंधों, विभिन्न सहयोगी परियोजनाओं और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर भी अपने विचार व्यक्त किए. इसके अलावा, उन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया और एमएनयू मालदीव के बीच विशेष रूप से शिक्षा के क्षेत्र में ‘आपसी सहयोग के लिए आगे के रास्ते’ पर भी विस्तार से चर्चा की.
इससे पहले, जामिया मिलिया इस्लामिया के अंतर्राष्ट्रीय संस्थागत मामलों के अधिकारी बक्कर खास ने एमएनयू के चांसलर शेख-उल-जामिया, जामिया मिलिया इस्लामिया और अन्य प्रतिनिधियों का औपचारिक स्वागत किया. एमएनयू के चांसलर बनने से पहले, डॉ. महमूद शॉकी ने मालदीव के शिक्षा मंत्री, पर्यटन मंत्री और विमानन मंत्री के रूप में कार्य किया. डॉ. महमूद ने टोरंटो विश्वविद्यालय से शिक्षा में पीएचडी की है.
उन्होंने वहां माध्यमिक और उच्च शिक्षा के दायरे को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसमें उच्च शिक्षा में गुणवत्ता आश्वासन के लिए मालदीव प्रत्यायन बोर्ड (वर्तमान में एमक्यूए) की स्थापना भी शामिल है.
इसके बाद प्रतिनिधियों ने विभिन्न क्षेत्रों और संकायों में सहयोगात्मक प्रयास कहां शुरू किए जा सकते हैं, इस पर अपने विचार सबके समक्ष रखते हुए विचार व्यक्त किए.
जामिया मिलिया इस्लामिया के कुलपति प्रोफेसर मजहर आसिफ ने अपने व्याख्यान में भारत और मालदीव के बीच प्राचीन काल से चली आ रही सांस्कृतिक और सामाजिक निकटता पर प्रकाश डाला. उन्होंने भारत में भाषा, संस्कृति, धर्म और विभिन्न विचारधाराओं एवं प्रथाओं की विविधता पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि यह देश की विविधता और विविधता ही है जो सभी को फलने-फूलने और विकसित होने के अवसर प्रदान करती है.
उन्होंने एमएनयू के कुलपति को आश्वासन दिया कि जामिया मिलिया इस्लामिया शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में सहायता और सहयोग के लिए तैयार है. जामिया मिलिया इस्लामिया ने न केवल भारत में बल्कि भारत के बाहर भी अपनी श्रेष्ठता साबित की है और एनआईआरएफ में देश में तीसरा स्थान बरकरार रखा है.
जामिया मिलिया इस्लामिया के रजिस्ट्रार प्रोफेसर मुहम्मद मेहताब आलम रिजवी ने औपचारिक रूप से सभी को धन्यवाद दिया और एएमएनयू, मालदीव के डीन को दोनों विश्वविद्यालयों के बीच संबंधों को और मजबूत करने के लिए जामिया मिलिया इस्लामिया आने का निमंत्रण दिया.