नई दिल्ली. जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) ने कोरिया गणराज्य के हानयांग विश्वविद्यालय के साथ शैक्षणिक और अनुसंधान सहयोग के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. यह सहयोग दोनों संस्थानों के बीच संयुक्त कार्यक्रमों के विकास, सेमिनारों के आयोजन तथा संकाय एवं छात्र आदान-प्रदान के अवसर प्रदान करेगा. यह शैक्षिक और बौद्धिक सहयोग संयुक्त अनुसंधान, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और कार्यशालाओं को बढ़ावा देने में मदद करेगा.
इस अवसर पर हानयांग विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ. की जोंग ली ने अपने विचार व्यक्त करते हुए आशा व्यक्त की कि इस समझौते से शिक्षा एवं अनुसंधान के क्षेत्र में दोनों विश्वविद्यालयों के बीच संबंध और मजबूत होंगे.
हानयांग विश्वविद्यालय दक्षिण कोरिया का एक प्रमुख निजी अनुसंधान विश्वविद्यालय है, जिसका मुख्य परिसर सियोल में और दूसरा परिसर अनसान, शिक्षा अनुसंधान उद्योग क्लस्टर, अनसान में स्थित है. इस विश्वविद्यालय की स्थापना 1939 में डोंग-ए इंजीनियरिंग संस्थान के रूप में की गई थी और यह दक्षिण कोरिया में इंजीनियरिंग और वास्तुकला की शिक्षा प्रदान करने वाला पहला संस्थान था. इसकी विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और चिकित्सा के क्षेत्र में मजबूत प्रतिष्ठा है और प्रत्येक वर्ष 3,000 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय छात्र इसमें दाखिला लेते हैं, जबकि 3,300 से अधिक छात्रों को विदेश में अध्ययन के अवसर प्रदान करता है.
विश्वविद्यालय के सियोल परिसर में 15 कॉलेज और 60 विभाग हैं, जबकि एरिका परिसर में 9 कॉलेज और 42 विभाग हैं, जो इंजीनियरिंग, व्यवसाय, चिकित्सा और मानविकी सहित शैक्षणिक क्षेत्रों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करते हैं. इसका आदर्श वाक्य ष्कार्य और सत्य में प्रेमष् है, जो व्यावहारिक शिक्षा और सामाजिक सेवा को बढ़ावा देता है.
जामिया मिलिया इस्लामिया (जेएमआई) के रजिस्ट्रार प्रोफेसर मुहम्मद मेहताब आलम रिजवी ने विश्वविद्यालय की उत्कृष्ट उपलब्धियों पर प्रकाश डाला. 1920 में स्थापित यह विश्वविद्यालय एक व्यापक अनुसंधान एवं शिक्षण केन्द्रीय (सार्वजनिक) विश्वविद्यालय है. भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एनआईआरएफ रैंकिंग में जामिया मिलिया इस्लामिया को देश का तीसरा सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय माना गया है. इसके अतिरिक्त, 2021 में, राष्ट्रीय शैक्षणिक मूल्यांकन और प्रत्यायन एजेंसी ने विश्वविद्यालय को ष्.़़ष् की सर्वोच्च रेटिंग प्रदान की. अग्रणी अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग एजेंसियों ने भी विश्वविद्यालय को वैश्विक स्तर पर एक शोध और शैक्षणिक संस्थान के रूप में मान्यता दी है.
जामिया को दो बार ‘भारत के राष्ट्रपति का अनुसंधान पुरस्कार’ प्रदान किया गया है, जबकि इसके कई छात्र प्रधानमंत्री अनुसंधान फेलोशिप के प्राप्तकर्ता रहे हैं. इसके अलावा, स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा हाल ही में जारी विश्व के शीर्ष 2 फीसद वैज्ञानिकों की सूची में विश्वविद्यालय के कई शोधकर्ता शामिल हैं.
प्रोफेसर मुहम्मद मेहताब आलम रिजवी ने आगे कहा कि इस समझौते से न केवल शिक्षा क्षेत्र में प्रगति होगी बल्कि भारत और कोरिया के बीच संबंध भी और मजबूत होंगे.
यह उपलब्धि विश्वविद्यालय के सम्मानित कुलपति प्रोफेसर मजहर आसिफ के गतिशील और दूरदर्शी नेतृत्व का परिणाम है, जो जामिया को वैश्विक शैक्षिक परिदृश्य में नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रयासरत हैं.
समझौते पर हस्ताक्षर समारोह में जामिया मिलिया इस्लामिया के रजिस्ट्रार प्रोफेसर मुहम्मद मेहताब आलम रिजवी और हानयांग विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ. की जोंग ली ने हस्ताक्षर किए. इस अवसर पर एचवाईयू के अंतर्राष्ट्रीय मामलों के कार्यालय के उपाध्यक्ष डॉ. हानसुंग किम और जेएमआई के विदेशी भाषा विभाग के प्रमुख प्रोफेसर शाहिद तसलीम भी उपस्थित थे. इस कार्यक्रम में एच.वाई.यू. के प्रतिनिधि, विश्वविद्यालय के डीन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.