नई दिल्ली. हाल ही में जारी यूआई ग्रीनमेट्रिक वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में जामिया मिलिया इस्लामिया को दुनिया के 416वें सबसे टिकाऊ विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया है. यह पिछले वर्ष की तुलना में सुधार है जब जेएमआई विश्वभर में 437वें स्थान पर था. भारत में जामिया 13वें स्थान पर है. जामिया के कुलपति प्रोफेसर मजहर आसिफ ने विश्वविद्यालय को बधाई दी और इसे स्थिरता-केंद्रित रैंकिंग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया, जो जामिया की पर्यावरण-अनुकूल नीतियों और पहलों का प्रमाण है.
जामिया के रजिस्ट्रार प्रोफेसर मुहम्मद मेहताब आलम रिजवी ने इस रैंकिंग का श्रेय संकाय सदस्यों, कर्मचारियों और छात्रों के प्रयासों को दिया, जो विश्वविद्यालय परिसर को स्वच्छ और हरा-भरा रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
प्रतिष्ठित ‘यूआई ग्रीनमेट्रिक वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग’, जो 2010 से इंडोनेशिया विश्वविद्यालय की एक गैर-लाभकारी पहल है, को 95 देशों के 1,477 विश्वविद्यालयों से आवेदन प्राप्त हुए.
रैंकिंग के लिए कुछ प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों में शामिल हैं - कुल खुले स्थान क्षेत्र का अनुपात, वनों और रोपित वनस्पतियों से आच्छादित कुल परिसर क्षेत्र, कुल परिसर की आबादी से विभाजित कुल खुले स्थान क्षेत्र, विश्वविद्यालय स्थिरता प्रयास, बजट का प्रतिशत, सुविधाओं के लिए विकलांग, विशेष आवश्यकताएं और मातृत्व देखभाल, सुरक्षा और सुरक्षा सुविधाएं, छात्रों के लिए बुनियादी ढांचा सुविधाएं, शिक्षाविदों और प्रशासनिक कर्मचारियों का कल्याण, और पौधे (वनस्पति), जानवरों (पशु) या वन्यजीवन का संरक्षण, भोजन और कृषि के लिए आनुवंशिक संसाधन जो संरक्षित हैं मध्यम या दीर्घकालिक संरक्षण सुविधाएं.
ऊर्जा उपयोग और जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर विशेष ध्यान देने के कारण जेएमआई को इस रैंकिंग में सर्वोच्च अंक प्राप्त हुए. इस पैरामीटर में विश्वविद्यालय के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को देखा गया - ऊर्जा कुशल उपकरणों का उपयोग, स्मार्ट बिल्डिंग का कार्यान्वयन और परिसर में नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की संख्या, सभी निर्माण और नवीनीकरण नीतियों में ग्रीन बिल्डिंग कार्यान्वयन के तत्व. यह दर्शाता है.
जेएमआई ने अन्य दो रैंकिंग मापदंडों - अपशिष्ट उपचार और पुनर्चक्रण गतिविधियों तथा जल संरक्षण कार्यक्रम और कार्यान्वयन - में उच्च स्कोर प्राप्त किया.
कुलपति प्रोफेसर आसिफ ने इस उत्कृष्ट प्रदर्शन पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि उन्हें उम्मीद है कि विश्वविद्यालय एक टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल परिसर का रोल मॉडल बनने के लिए अपने प्रयास जारी रखेगा.