जामिया मिल्लिया इस्लामिया और सबीर भाटिया आए साथ, इन्क्वायरी आधारित लर्निंग ऐप से शिक्षा में बदलाव की तैयारी

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 26-10-2023
Jamia Millia Islamia and Sabir Bhatia come together to transform education with inquiry based learning app. Preparation
Jamia Millia Islamia and Sabir Bhatia come together to transform education with inquiry based learning app. Preparation

 

आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली,

सबीर भाटिया के शोरील (टिपटॉप- शोरील प्राइवेट लिमिटेड) ने जामिया मिलिया इस्लामिया के साथ साझेदारी में भावी उद्यमियों को प्रेरित करने के लिए अपनी तरह का पहला इन्क्वायरी आधारित लर्निंग ऐप पेश किया है.

जामिया शोरील ऐप इन्क्वायरी आधारित लर्निंग के लिए अनूठा दृष्टिकोण पेश करेगा जो सोच-विचार के नए एवं रचनात्मक तरीकों के साथ छात्रों को विश्वस्तरीय पैमाने पर इनोवेट करने में मदद करेगा.
 
21वीं सदी की शिक्षा में बदलाव लाने के उद्देश्य से शोरील आर्टीफिशियल इंटेलीजेन्सी की क्षमता का उपयोग कर अधुनिक कोर्सेज़ एवं शॉर्ट फॉर्म वीडियोज़ लेकर आएगा जो लर्निंग का अनूठा अनुभव प्रदान करेंगे.
 
जेएमआई के डॉ. एम.ए. अंसारी ऑडिटोरियम में आयोजित भव्य उद्घाटन कार्यक्रम में जेएमआई के कुलपति प्रो. नजमा अख्तर (पद्मश्री), शोरील के संस्थापक  सबीर भाटिया, जेएमआई के उप कुलपति प्रो. इकबाल हुसैन, जावेद यूनुस, सह-संस्थापक, शोरील, प्रोफेसर नाज़िम हुसैन जाफरी, रजिस्ट्रार, जेएमआई, डीन, विभागाध्यक्ष, संकाय और विश्वविद्यालय के छात्र मौजूद  थें. समारोह के दौरान दोनों पक्षों ने समझौते पर हस्ताक्षर किये.
 
ऐतिहासिक साझेदारीः शिक्षा में लाएगी कई नई चीज़ें

जामिया-शोरील ऐसे प्लेटफॉर्म का निर्माण करेगा जिसके द्वारा छात्र अपने ज्ञान का उपयोग कर प्रयोग एवं खोज के लिए अनुकूल वातावरण का निर्माण कर सकेंगे. यह किसी गैर-शैक्षणिक संस्थाप के साथ जामिया मिलिया इस्लामिया की पहली साझेदारी है.
 
पहली बार, एआई से इनेबल्ड कोर्स तैयार किया गया है. जामिया-शोरील प्लेटफॉर्म पहली बार ऐप के ज़रिए कोर्स पूरा करने पर 6 क्रेडिट देगा. इसका एक और अनूठा फीचर है छात्रों के वर्बल रिस्पॉन्स के मूल्यांकन के लिए आर्टीफिशियल इंटेलीजेन्स का उपयोग, जिसमें रिस्पॉन्स का मूल्यांकन एल्गोरिदम के द्वारा किया जाएगा.
 
सबीर भाटिया, सह-संस्थापक, शोरील ने इस साझेदारी पर रोशनी डालते हुए कहा, ‘‘शोरील-जामिया ऐप सिर्फ एक साझेदारी नहीं है. यह भावी शिक्षा के प्रति दूरदृष्टा सोच है. हमारा मानना है युवाओ को सही कौशल के साथ सशक्त बनाकर उनके उज्जवल भविष्य को सुनिश्चित किया जा सकता है.
 
असली रचनात्मकता,स्वतन्त्र शोध, जाच एवं अनुभव से उत्पन्न होती है। शिक्षा के एक समान अवसर उपलब्ध कराकर हम एआई की क्षमता का उपयेग करते हुए युवाओं के सोचने के तरीके को बदल देना चाहते हैं.
 
उन्हें बदलती तकनीक के अनुसार ढालना चाहते हैं. जामिया मिलिया इस्लामिया हमेशा से बदलावकारी शिक्षा में अग्रणी रहा है. हमें खुशी है कि इस आधुनिक प्लेटफॉर्म के लॉन्च के लिए हमें भारत की टॉप युनिवर्सिटी के साथ साझेदारी का मौका मिला है.’’
 
 
जामिया मिलिया इस्लामिया के वाईस चांसलर ने इस साझेदारी पर बात करते हुए कहा ‘‘सबीर भाटिया ने भारत के टेक रेवोल्युशन को नेतृत्व किया है. हमें गर्व है कि हमें शोरील के साथ जुड़ने का मौका मिला, हम उनके साथ काम करते हुए शिक्षा उद्योग में बड़ा बदलाव लेकर आएंगे.
 
एआई की क्षमता का उपयोग कर जामिया मिलिया इस्लामिया छात्रों की कल्पनाशीलता और उत्सुकता को बढ़ावा देता है. इस आधुनिक प्लेटफॉर्म के साथ शोरील और जामिया मिलिया इस्लामिया भावी शिक्षा में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं. इसका उद्देश्य छात्रों को जानकारी प्रदान करन, उनमें रचनात्मकता एवं संचार कौशल तथा वास्तविक जीवन के ऐप्लीकेशन्स को बढ़ावा देना है.
 
शिक्षा में बड़ा बदलाव

यह साझेदारी शिक्षा के पारम्परिक तरीके में बड़ा बदलाव लाएगी, इसे इन्स्ट्रक्टर-लैड मॉडल के बजाए सेल्फ-डायरेक्टेड इन्क्वायरी आधारित दृष्टिकोण प्रदान करेगी. शोरील का उद्देश्य उद्यमियों की नई पीढ़ी को प्रेरित करता है.
 
वे लोग तो तकनीक का उपयोग कर नई कंपनियों और उद्योगों को बढ़ावा दे सकें. यह प्लेटफॉर्म शिक्षा के पुराने तरीकों को पीछे छोड़ आने युवाओं को रचनात्मक विचारकों  एवं समस्या निवारकों के रूप में विकसित करेगा, जिससे वे भावी नौकरियों के लिए तैयार हो सकेंगे। इस साझेदारी के माध्यम से शोरील एआई, इनोवेशन एवं अपस्किलिंग के साथ हर भारतीय के लिए शिक्षा को नया आयाम देगा.
 
उद्यमिता के प्रति आधुनिक दृष्टिकोण

शोरील सही उपकरणों तथा सफल बिज़नेस वेंचर्स के लॉन्च की सोच के साथ भारतीय युवाओं को समर्थन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. जामिया-शोरील ऐप में 14 मोड्यूल्स होंगे, जिनके माध्यम से छात्रों को अपने तरीके से अपने विचार व्यक्त करने और जटिल अवधारणाओं को स्पष्ट करने का मौका मिलेगा.
 
यह तकनीक उन्हें अनुसंधान एवं जीवन के अनुभवों के आधार पर उद्यमिता की यात्रा के लिए तैयार करेगी.