जामिया मिलिया इस्लामिया: एक परंपरा, संस्कृति और इतिहास का केंद्र : कुलपति प्रो. मजहर आसिफ

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 31-10-2024
Jamia Millia Islamia: A centre of tradition, culture and history: Vice Chancellor Prof. Mazhar Asif
Jamia Millia Islamia: A centre of tradition, culture and history: Vice Chancellor Prof. Mazhar Asif

 

आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली

जामिया मिलिया इस्लामिया के कुलपति ने  प्रो. मजहर आसिफ कहा कि जामिया केवल एक शैक्षणिक संस्थान नहीं है; यह कई महान व्यक्तित्वों के समर्पण का फल है. हकीम अजमल खान, डॉ. जाकिर हुसैन और मौलाना हुसैन मदनी के योगदान ने इसे एक समृद्ध विरासत में तब्दील किया है, जिसे सहेजना और आगे बढ़ाना उनका कर्तव्य है.प्रोण् मजहर आसिफ एक विशेष कार्यक्रम में बोल रहे थे.

 जामिया मिलिया इस्लामिया के कुलपति के रूप में प्रो. मजहर आसिफ के चयन पर जेएनयू के शिक्षकों और छात्रों में हर्ष की लहर है. प्रो. मजहर आसिफ जामिया के कुलपति बनने वाले जेएनयू के पहले छात्र हैं और इस अवसर को जेएनयू में एक विशेष कार्यक्रम द्वारा मनाया गया.

मुस्लिम इंटेलेक्चुअल फोरम की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में स्कूल ऑफ लैंग्वेजेज के संयोजक प्रो. रिजवान रहमान ने नवनिर्वाचित कुलपति की शैक्षिक, शिक्षण और संपादकीय सेवाओं पर प्रकाश डाला.कार्यक्रम में प्रो. रिजवान रहमान ने कहा कि प्रो. मजहर आसिफ एक योग्य और संवेदनशील व्यक्तित्व के धनी हैं, जो सभी के लिए सुलभ रहते हैं.

कुलपति के रूप में अपने कार्यकाल के पहले ही दिन, उन्होंने शिक्षकों, छात्रों और विश्वविद्यालय के अन्य सदस्यों से मिलकर उनकी समस्याओं को जाना, जो एक सफल कुलपति का प्रमुख गुण माना जाता है.प्रो. मजहर आसिफ के स्कूल ऑफ लैंग्वेज में डीनशिप के दौरान उन्होंने विद्यार्थियों और शिक्षकों के साथ गहरी जुड़ाव रखा और हरसंभव मदद की. उनकी कड़ी मेहनत, स्वच्छता अभियान में भागीदारी और प्रतिबद्धता ने उन्हें इस पद तक पहुंचाया. कार्यक्रम के दौरान उन्हें गुलदस्ता और शॉल भेंट किया गया.

अपने उद्घाटन भाषण में कुलपति ने कुरान की आयत "वतिज मिन ताशा वा तज्ल मिन ताशा" का उल्लेख करते हुए कहा कि यह सम्मान उनके लिए ईश्वर की कृपा है. प्रो. मजहर आसिफ ने कहा कि जामिया का एक विशिष्ट इतिहास, संस्कृति और परंपरा है, जिसे सुरक्षित रखना और नए आयाम देना उनका उद्देश्य रहेगा.

साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि वे अपने काम को पूरी ईमानदारी से निभाते हैं और पाखंड से दूर रहते हैं. इस पर प्रो. अशफाक अहमद ने कहा कि वे तीन दशकों से अधिक समय से उनके साथ हैं और कभी भी उनके कथनी-करनी में कोई अंतर नहीं देखा.

कार्यक्रम में जेएनयू, जामिया मिलिया इस्लामिया और अन्य संस्थानों के शिक्षकों और छात्रों ने अपने विचार साझा किए और प्रो. मजहर आसिफ को बधाई दी. प्रो. ख्वाजा इकरामुद्दीन, प्रो. मुजीबुर रहमान, प्रो. अशफाक अहमद, प्रो. अखलाक अहान और अन्य शिक्षकों ने जामिया स्कूल जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान देने की बात कही.

इस अवसर पर प्रो. मोहम्मद महताब आलम रिजवी, प्रो. कुतुबुद्दीन, प्रो. मूसा जमाल, डॉ. मोहसिन अली, डॉ. शाहबाज अमल, डॉ. अकरम नवाज और अन्य शिक्षक व छात्र-छात्राओं ने भी हिस्सा लिया. कार्यक्रम का समापन डॉ. खुर्शीद इमाम के धन्यवाद भाषण के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने प्रो. मजहर आसिफ के उज्ज्वल भविष्य की कामना की.