'विकसित भारत' के तहत जामिया के फैकल्टी सदस्यों को 40 लाख का रिसर्च ग्रांट मिला

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 05-12-2024
Jamia Millia Islamia
Jamia Millia Islamia

 


नई दिल्ली. जामिया मिलिया इस्लामिया के फैकल्टी मेंबर्स को 'विकसित भारत' पहल के तहत रिसर्च के लिए 40 लाख रुपये का अनुदान मिला है. विश्वविद्यालय ने बताया कि इसमें से एक अनुदान पसमांदा (पिछड़े) मुसलमानों को विकास की मुख्यधारा में शामिल करने पर केंद्रित उनके अनुसंधान के लिए दिया गया है. इसके लिए इन फैकल्टी मेंबर्स को 20 लाख रुपये का अनुदान स्वीकृत हुआ है. जामिया मिलिया इस्लामिया के प्रबंधन अध्ययन विभाग के फैकल्टी सदस्यों प्रो. नौशादुल हक मलिक और डॉ. तौफीक अहमद सिद्दीकी को यह ग्रांट मिला है. दोनों फैकल्टी मेंबर्स को आईसीएसएसआर द्वारा 20 लाख रुपये के इस प्रतिष्ठित शोध अनुदान से सम्मानित किया गया है.

'विकसित भारत' के अंतर्गत ही इन फैकल्टी मेंबर्स को 20 लाख रुपये का एक और प्रतिष्ठित अनुदान दिया गया है. डॉ. तौफीक अहमद सिद्दीकी ने आईआईटी धनबाद के सहयोग से फिनटेक और महिलाओं के वित्तीय समावेशन पर एक परियोजना के लिए 'विकसित भारत' पहल के अंतर्गत 20 लाख रुपये का एक और शोध अनुदान प्राप्त किया है.

जामिया के मुताबिक, उनके इन फैकल्टी मेंबर्स को 'विकसित भारत' से जुड़ी पहल पर कुल 40 लाख रुपये का रिसर्च अनुदान प्राप्त हुआ है. विश्वविद्यालय का कहना है कि 'विकसित भारत' पहल के अंतर्गत ये अनुदान हासिल करना विश्वविद्यालय के लिए एक गौरव का विषय है.

इससे पहले बीते सप्ताह जामिया मिलिया इस्लामिया के एक एसोसिएट प्रोफेसर को 94 लाख रुपये का प्रतिष्ठित अनुसंधान अनुदान प्राप्त हुआ था. यह अनुदान हासिल करने वाले जामिया के प्रोफेसर डॉ. खालिद रजा ने स्तन कैंसर के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस निर्देशित दवा प्रणाली पर उत्कृष्ट रिसर्च की है. वह जामिया मिलिया इस्लामिया में कंप्यूटर विज्ञान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर हैं. उनके उपकरण चिकित्सा के लिए लक्ष्यों की पहचान करने और स्तन कैंसर के लिए नई उपचार रणनीतियों पर केंद्रित होंगे.