आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के दंत चिकित्सा संकाय ने स्वास्थ्य व्यवसायों के शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण दो दिवसीय राष्ट्रीय संकाय विकास कार्यक्रम का आयोजन किया. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को नवीनतम योग्यता आधारित शिक्षण और मूल्यांकन पद्धतियों से अवगत कराना था, ताकि वे राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के तहत स्वास्थ्य पेशेवरों की शिक्षा में हो रहे परिवर्तनों के अनुरूप ढल सकें.
कार्यक्रम का उद्घाटन पवित्र कुरान के पाठ से हुआ, जिसके बाद दंत चिकित्सा संकाय की डीन, प्रो. केया सरकार ने स्वागत भाषण दिया. उन्होंने अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए जामिया के गौरवशाली इतिहास और दंत चिकित्सा संकाय की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी.
मुख्य अतिथि डॉ. वेदप्रकाश मिश्रा, जो चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित व्यक्तित्व हैं, ने ‘भारतीय स्वास्थ्य व्यवसाय शिक्षा का वैश्वीकरण - आगे का रास्ता’ विषय पर उद्घाटन भाषण दिया. उन्होंने भारत में शिक्षा नीतियों के विकास पर एक व्यापक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया और शिक्षकों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि उन्हें मार्गदर्शक के रूप में कार्य करना चाहिए, न कि केवल जानकारी देने वाले ऋषियों के रूप में। उनके भाषण ने सभी उपस्थित लोगों पर गहरा प्रभाव डाला, खासकर जब उन्होंने कोठारी आयोग का हवाला देते हुए कहा कि “किसी राष्ट्र का भाग्य उसकी कक्षाओं में बनता है.”
कार्यक्रम में जामिया के कुलपति, प्रो. मोहम्मद शकील ने डॉ. मिश्रा के विचारों की सराहना की और इस तरह के ज्ञान को भविष्य की पीढ़ियों के लिए संरक्षित करने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने दंत चिकित्सा संकाय की पेशेवर विकास के प्रति प्रतिबद्धता की प्रशंसा करते हुए कहा कि शिक्षकों को नवीनतम शिक्षण पद्धतियों से अपडेट रहना आवश्यक है.
दो दिवसीय कार्यक्रम में विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान, इंटरैक्टिव चर्चाएँ और गतिविधियाँ शामिल थीं. प्रख्यात शिक्षकों, प्रो. पूनम सूद लूंबा और प्रो. पुष्पांजलि कृष्णप्पा ने शिक्षण-अधिगम के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार साझा किए। शिक्षकों को योग्यता-आधारित शिक्षा के कार्यान्वयन में आने वाली चुनौतियों और नैतिक उलझनों को संबोधित करने के लिए समूह चर्चाएँ भी आयोजित की गईं.
कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें प्रो. अनुराधा शर्मा ने सभी भागीदारों का आभार व्यक्त किया. प्रतिभागियों ने इस कार्यक्रम को बहुत सराहा, जैसा कि उनके फीडबैक फॉर्म से स्पष्ट हुआ. कार्यक्रम का कुशलतापूर्वक समन्वय प्रो. इरम परवेज़ और उनकी टीम द्वारा किया गया, जिसने इस सफल आयोजन को सुनिश्चित किया.