CM Yogi Adityanath launches Sanskrit Scholarship Scheme at Sampurnanand Sanskrit University
आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में राज्य के सभी संस्कृत विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के छात्रों के लिए संस्कृत छात्रवृत्ति योजना का शुभारंभ किया.
शुभारंभ के अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने सभी प्रोफेसरों, छात्रों और प्राचार्यों का स्वागत किया.
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, "मैं दिवाली के समारोह से ठीक पहले छात्रवृत्ति योजना शुरू करने के लिए सभी का धन्यवाद करना चाहता हूं. यह लॉन्च देश की भाषा और संस्कृति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.
हमने यहां जो एकजुटता देखी है, वह लोगों की भाषा का जश्न मनाने की इच्छा है और अगर कोई संस्कृत को समझना चाहता है, तो उसे इसके सार में डूब जाना चाहिए.
जब कोई भक्ति में भगवान के साथ संबंध स्थापित करता है, तो वह संस्कृत की ऊर्जा को समझ सकता है." आगे उन्होंने कहा कि संस्कृत हमेशा एक अज्ञात भाषा रही है, लेकिन लोगों ने अभी भी इसका पालन करने की परंपरा जारी रखी है.
सीएम ने कहा, "मैं हमेशा यह जानकर हैरान रह जाता हूं कि संस्कृत लोगों के बीच एक अनजान भाषा कैसे रही है, लेकिन कुछ छात्रों ने इसे सीखने की परंपरा को जारी रखा है.
हालांकि, 2017 में भाषा को वह सम्मान मिला जिसकी वह हकदार थी और अब हम सभी ने भाषा सीखने वाले छात्रों की संख्या में वृद्धि देखी है. आज, भाषा के लिए शुरू की गई योजना की एक सीमा है और मुझे बहुत खुशी है कि हमें ऐसा करने का मौका मिला है.
दिवाली से पहले इस समारोह के साथ, हम डॉ. संपूर्णानंद के नाम पर प्राचीन विश्वविद्यालय से जुड़ रहे हैं.
प्रत्येक संस्थान को इस योजना को सभी छात्रों तक पहुंचाने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए." सीएम ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में 1.5 लाख छात्र हैं जो संस्कृत भाषा सीख रहे हैं और अपना जीवन संस्कृति के लिए समर्पित कर रहे हैं. "राज्य में आज 1.5 लाख छात्र हैं जो संस्कृत भाषा सीख रहे हैं और संस्कृति के लिए समर्पित हैं.
हम चाहते हैं कि अधिक से अधिक स्कूल और संस्थान खुलें जो छात्रों के बीच संस्कृत सीखने के संदेश को बढ़ावा देंगे." उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ही था कि देश संस्कृत और देश की संस्कृति के प्रति अधिक समर्पित हो गया है.
उन्होंने कहा, "आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश संस्कृत और देश की संस्कृति के प्रति और अधिक समर्पित हो गया है.
संस्कृत केवल एक भाषा नहीं है, हम चाहते हैं कि यह दुनिया भर में संचार के उच्च स्तर तक पहुंचे." इससे पहले आज सीएम ने वाराणसी में काल भैरव और काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की.