आवाज द वाॅय / लखनऊ
ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देशन और कुलपति प्रो. एन.बी. सिंह के मार्गदर्शन में एंटी रैगिंग जागरूकता सप्ताह का समापन समारोह धूमधाम से संपन्न हुआ. कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और प्रतियोगिता और कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया.
रैगिंग विरोधी जागरूकता सप्ताह के दौरान नारा लेखन, निबंध लेखन, पोस्टर और लोगो डिज़ाइन जैसी विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें 150 से अधिक छात्रों ने पंजीकरण कराया और अपनी रचनात्मकता का परिचय दिया.
समापन समारोह में, प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले छात्रों को सम्मानित किया गया. डॉ. जेब अल-निसा, डॉ. साइमा अलीम, डॉ. दुआ नकवी, डॉ. श्वेता अग्रवाल, डॉ. कौशलेश शाह और शिवम चतुर्वेदी की छह सदस्यीय समिति ने प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को पुरस्कार प्रदान किए.
इस अवसर पर प्रोफेसर थोबन सईद ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि रैगिंग छात्रों की मानसिकता और बुद्धि को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है. यह संस्कृति सभी के लिए हानिकारक है. उन्होंने चेतावनी दी कि रैगिंग करने वाले छात्रों को कानूनी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है.
प्रोफेसर सईद ने यह भी कहा कि विभिन्न क्षेत्रों से पढ़ने के लिए आने वाले छात्रों को एक परिवार की तरह मिलजुलकर रहना चाहिए. किसी भी साथी छात्र को परेशान करना या मानसिक तनाव देना बहुत ही दर्दनाक है.इस कार्यक्रम में डॉ. नीरज शुक्ला, डॉ. मनीष कुमार और डॉ. शान फातिमा ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.