आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को दलित छात्रों की उच्च शिक्षा के लिए डॉ. अंबेडकर छात्रवृत्ति की घोषणा की. केजरीवाल ने कहा कि इस छात्रवृत्ति योजना के तहत दिल्ली सरकार दलित छात्रों के दुनिया भर के शीर्ष विश्वविद्यालयों में प्रवेश लेने के बाद उनके खर्च को वहन करेगी. दलित समुदाय के सरकारी कर्मचारी भी इस छात्रवृत्ति का लाभ उठा सकते हैं.
एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा, "मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि दलित समुदाय का कोई भी व्यक्ति उच्च शिक्षा से वंचित न रहे, इसके लिए मैं डॉ. अंबेडकर छात्रवृत्ति की घोषणा कर रहा हूं. अब दलित समुदाय का कोई भी छात्र जो दुनिया भर के शीर्ष विश्वविद्यालयों में पढ़ना चाहता है, दिल्ली सरकार छात्रों के प्रवेश के बाद उनका खर्च वहन करेगी... यह छात्रवृत्ति दलित समुदाय के सरकारी कर्मचारियों के लिए भी लागू होगी."
उन्होंने कहा कि यह छात्रवृत्ति भाजपा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को जवाब है, जिन्होंने डॉ. बीआर अंबेडकर का अपमान किया था. उन्होंने कहा, "हम डॉ. अंबेडकर छात्रवृत्ति की घोषणा करके भाजपा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को जवाब दे रहे हैं, जिन्होंने डॉ. बीआर अंबेडकर का अपमान किया था." बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में अपने संबोधन में कथित तौर पर कहा था, "अगर उन्होंने (विपक्ष ने) अंबेडकर की जगह भगवान का नाम इतनी बार लिया होता, तो उन्हें सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता." इस बीच अंबेडकर विवाद के बीच बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की बाबा साहब अंबेडकर पर की गई टिप्पणी के खिलाफ 24 दिसंबर को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है. मायावती ने एक्स पर सिलसिलेवार पोस्ट में कहा, "अंबेडकरवादी बीएसपी ने उनसे अपने बयान को वापस लेने और पश्चाताप करने की मांग की है, जिस पर अब तक अमल नहीं हुआ है. ऐसे में अगर मांग पूरी नहीं हुई तो बीएसपी ने देशभर में आवाज उठाने की बात कही है. इसीलिए अब पार्टी ने इस मांग के समर्थन में 24 दिसंबर को देशव्यापी आंदोलन करने का फैसला किया है.
उस दिन देश के सभी जिला मुख्यालयों पर पूरी तरह से शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन किया जाएगा." गुरुवार को राहुल गांधी और इंडिया अलायंस के अन्य सांसदों ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और पूर्व कानून मंत्री बीआर अंबेडकर पर उनकी टिप्पणी के लिए केंद्रीय गृह मंत्री से माफी मांगने और इस्तीफे की मांग की.