मोहम्मद अकरम / मोतिहारी
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी सीबीएसई ने 10वीं क्लास के परिणाम का ऐलान किया हैं, जिसमें पूर्वी चम्पारण के मुस्लिम समुदाय के बच्चों ने बड़ी सफलता हासिल की है. कुछ बच्चे ऐसे हैं, जिनके पिता ने दुकान चलाकर उन्हें पढ़ाया है, तो कुछ के पिता बहुत पहले दुनिया को अलविदा कह चुके थे और भाई ने बहन की पढ़ाई के लिए हर मोड़ पर साथ दिया हैं.
हम आपको ऐसे ही कुछ छात्रों से मिलवा रहे हैं. जो समाज के लिए मिसाल बने हैं और उन माता-पिता और बच्चों के लिए मिसाल हैं, जो परेशानी की हालत में भी अपनी पढ़ाई के सिलसिले को जारी रखकर 10वीं के कक्षा में कामयाबी हासिल की है और अपने सपने को पूरे करने की जद्दोजहद कर रहे हैं.
मोतिहारी जिले के कोटवा ब्लॉक के कंठ छपरा के रहने वाले मरहूम नौशाद खान की बेटी अफिफा खान ने 95.6 प्रतिशत नम्बर लाकर कामयाबी हासिल की हैं. अफिफा जब छोटी थीं, तो उनके वालिद का देहांत हो गया. इसके बाद भाई अरमान ने बहन का हर मोड़ पर साथ दिया है. आज वह खुश है कि उनकी बहन ने बड़ी कामयाबी हासिल की हैं.
अफिफा खान ने मोतिहारी के जवाहर इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ाई की हैं. अफिफा ने अंग्रेजी में 97, उर्दू में 99, गणित में 93, साइंस में 95 और सोशल साइंस में 95 नंबर के साथ कामयाबी हासिल की हैं. आवाज-द वॉयस से बात करते हुए अफिफा ने बताया कि ‘‘मेरी कामयाबी के पीछे मां शहनाज फातिमा और भाई इमरान खान का हाथ है. मैं डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करना चाहती हूं. मैं दिनभर में 12 घंटे प्रतिदिन पढ़ाई करती थीं.’’
मोतिहारी शहर के खुदा नगर के रहने वाले सैयद सोहेल आलम का पुत्र सैयद इरफान सोहेल ने 95.6 प्रतिशत नम्बर लाया है. उन्होंने जवाहर इंटरनेशनल स्कूल से कामयाबी हासिल की है. अंग्रेजी में 95, उर्दू में 99, गणित में 93, साइंस में 97 और सोशल साइंस में 94 नम्बर आए हैं. उनके पिता शहर का मठिया जिरात में मेडिकल स्टोर है. उन्होंने रहमानिया-30 क्रेक किया हैं और आईआईटी क्रेक करने की कोशिश में हैं.
सैयद इरफान सोहेल ने फोन पर आवाज-द वॉयस से बात करते हुए कहा कि मेरा बच्चपन से ही गणित मजबूत रहा है. इस लिए आईआईटी में जाना चाहता हूं. मेरी कामयाबी के पीछे स्कूल शिक्षकों का बड़ा योगदान है. उन्होंने हर जगह मार्गदर्शन किया हैं. उन्होंने आगे बताया कि वह प्रतिदिन सिर्फ चार घंटे पढ़ाई करके अच्छे नम्बर से कामयाब हुए हैं.
ढाका ब्लॉक के पचपकड़ी वार्ड नम्बर 10 के रहने वाले आमिर आलम ने 94 प्रतिशत नम्बर लाए हैं. उनके पिता पचपकड़ी बाजार के नजदीक हार्डवेयर की दुकान चलाते हैं. आमिर ने अंग्रेजी में 97, हिन्दी में 87, गणित में 95, साइंस में 96 और सोशल साइंस में 95 प्रतिशत नम्बर प्राप्त किए हैं. उन्होंने अपनी पढ़ाई स्थानीय विद्यापति पब्लिक स्कूल से की है. आवाज-द वॉयस से बात करते हुए बताया कि हमें घर वालों की तरफ से पूरा साथ मिला है. घर वालों का कहना है कि तुम सिर्फ पढ़ाई करोए हार नहीं मानना है, तुम लगे बढ़ो. मैं न्यूरो सर्जन बनना है.
आमिर आलम ने बताया कि हमारे लिए रोल माडल पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम हैं. उन्होंने अपनी जिंदगी में कदम कदम पर परेशानियों से सामना किया है, पढ़ाई जारी रखी, वह चीज हमें प्रेरणा देती है. हमारे जैसे उन सभी बच्चों के लिए मिसाल हैं, जिनके सामने समस्याएं होती हैं. आमिर के पिता सनौवर आलम ने बताया कि मैं इस समय बहुत खुश हूं. मेरी कोशिश होगी कि मेरा लड़का जहां तक पढ़ाई करना चाहे, वहां तक पढ़ाने के लिए तैयार हूं. मैं इस समय उनके साथ राजस्थान के कोटा में हूं, जहां वह मेडिकल की तैयारी कर रहा है.
जो बच्चे बीच में ही अपनी पढ़ाई छोड़ देते हैं. उनके बारे में आमिर आलम, अफिफा खान और सैयद इरफान सोहैल ने कहा कि हमें मेहनत जारी रखनी चाहिए, परेशानी आएगी, उससे घबराना नहीं चाहिए. हम कुछ ही घंटे पढ़ाई करें, लेकिन प्रतिदिन पढ़ाई करें, तो कामयाबी जरुर मिलेगी.
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने शुक्रवार को परिणाम जारी किया हैं जिसमें 94.40 प्रतिशत छात्र कामयाब हुए हैं. जिसमें 95.21 प्रतिशत लड़कियों और 93.80 प्रतिशत लड़के कामयाब हुए हैं.