पोप का चुनाव कैथोलिक चर्च की सबसे पवित्र और गोपनीय प्रक्रियाओं में से एक मानी जाती है. यह न तो कोई लोकप्रियता की दौड़ होती है और न ही प्रचार-प्रसार की लड़ाई—बल्कि यह माना जाता है कि यह एक ईश्वरीय प्रेरणा से लिया गया निर्णय होता है.
फिर भी, हर बार ऐसे कुछ प्रमुख नाम सामने आते हैं, जिन्हें चर्च में "पापाबिले" कहा जाता है—यानि वे कार्डिनल जिनके पास पोप बनने के लिए आवश्यक अनुभव, समर्थन और आध्यात्मिक गहराई मानी जाती है.
धार्मिक मान्यता के अनुसार, कोई भी बपतिस्मा प्राप्त कैथोलिक पुरुष पोप बनने का पात्र हो सकता है, लेकिन परंपरागत रूप से कार्डिनल्स में से ही चुनाव होता है. नए पोप के लिए कार्डिनल कॉलेज में दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है.
संभावित दावेदारों की सूची
🔴 कार्डिनल पीटर एर्दो (हंगरी)
बुडापेस्ट के आर्कबिशप और 72 वर्षीय एर्दो को यूरोपीय कार्डिनल्स के बीच एक सम्मानित स्थान प्राप्त है. वह दो बार यूरोपीय बिशपों की परिषद के प्रमुख चुने जा चुके हैं। अफ्रीकी बिशपों के साथ उनके मजबूत संबंध उन्हें वैश्विक समर्थन दिला सकते हैं.
🔴 कार्डिनल रेनहार्ड मार्क्स (जर्मनी)
71 वर्षीय मार्क्स म्यूनिख के आर्कबिशप हैं और लंबे समय से वेटिकन में पोप फ्रांसिस के करीबी माने जाते हैं. उन्हें वेटिकन की वित्तीय पारदर्शिता और प्रशासनिक सुधारों की निगरानी की जिम्मेदारी भी दी गई थी.
🔴 कार्डिनल मार्क ओउलेट (कनाडा)
80 वर्षीय ओउलेट बिशप नियुक्तियों से जुड़े महत्वपूर्ण विभाग के पूर्व प्रमुख रह चुके हैं. वे अधिक रूढ़िवादी माने जाते हैं लेकिन लातिन अमेरिकी चर्च से उनके गहरे संबंध उन्हें मजबूत दावेदार बनाते हैं.
🔴 कार्डिनल पिएत्रो पारोलिन (इटली)
70 वर्षीय पारोलिन वेटिकन के शीर्ष राजनयिकों में गिने जाते हैं. हालांकि उनके पास पादरी के रूप में सीमित अनुभव है, लेकिन उनके संगठनात्मक कौशल और अंतरराष्ट्रीय चर्चों से संवाद की क्षमता उन्हें खास बनाती है.
🔴 कार्डिनल रॉबर्ट प्रीवोस्ट (अमेरिका/पेरू)
69 वर्षीय प्रीवोस्ट मूलतः अमेरिका से हैं लेकिन पेरू में लंबे समय तक मिशनरी और बिशप के रूप में कार्यरत रहे. पोप फ्रांसिस की नजर उन पर वर्षों से थी और 2023 में उन्हें वेटिकन बुला लिया गया। वे पहले अमेरिकी पोप बन सकते हैं.
🔴 कार्डिनल रॉबर्ट सारा (गिनी)
79 वर्षीय सारा को अफ्रीकी पोप के रूप में लंबे समय से देखा जा रहा है. वे लिटर्जी विभाग के पूर्व प्रमुख रहे हैं और रूढ़िवादी धड़े के प्रिय हैं.
🔴 कार्डिनल लुइस टैगले (फिलीपींस)
67 वर्षीय टैगले को एशिया का सबसे बड़ा चेहरा माना जाता है. वह पहले एशियाई पोप हो सकते हैं। पोप फ्रांसिस ने उन्हें वेटिकन के धर्म प्रचार विभाग की जिम्मेदारी दी थी, जिससे एशिया और अफ्रीका में चर्च का नेतृत्व सीधे उनसे जुड़ गया.
🔴 कार्डिनल माटेओ जुप्पी (इटली)
69 वर्षीय जुप्पी बोलोग्ना के आर्कबिशप और इटली के बिशप सम्मेलन के अध्यक्ष हैं. उन्हें करुणा, सामाजिक न्याय और समावेशी नेतृत्व के लिए जाना जाता है.
पोप फ्रांसिस के बाद चर्च किस दिशा में जाएगा, यह अगला पोप तय करेगा. क्या यह चुनाव रूढ़िवादी दिशा में झुकेगा या फ्रांसिस के सुधारवादी एजेंडे को आगे बढ़ाएगा—यह देखने वाली बात होगी। फिलहाल इन नामों में से कोई भी कार्डिनल अगला पोप बन सकता है.