नवरात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 31-03-2025
Navratri Puja celebration
Navratri Puja celebration

 

राकेश चौरासिया

नवरात्रि 2025: पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और नौ दिनों की महिमा

भारत में नवरात्रि का पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. यह त्योहार शक्ति की देवी माँ दुर्गा को समर्पित है और पूरे नौ दिनों तक भक्तों द्वारा उपवास, पूजा-अर्चना और भक्ति के साथ मनाया जाता है. नवरात्रि वर्ष में चार बार आती हैं - चैत्र, आषाढ़, अश्विन और पौष महीने में. लेकिन अश्विन मास में आने वाली शारदीय नवरात्रि और चैत्र मास की वसंत नवरात्रि का विशेष महत्व होता है. वर्ष 2025 में नवरात्रि का पर्व कब है, इसके शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में विस्तार से जानते हैं.

नवरात्रि 2025 शक्ति उपासना और साधना का प्रमुख पर्व है. इस दौरान माँ दुर्गा के नौ रूपों की उपासना की जाती है, जिससे व्यक्ति को आध्यात्मिक शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है. इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से प्रारंभ होगी. घटस्थापना, व्रत, अनुष्ठान और पूजन विधि का पालन करने से भक्तों को देवी की कृपा प्राप्त होगी और जीवन में सुख-समृद्धि आएगी.

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 30 मार्च को है. इस वजह से नवरात्रि रविवार को शुरू होगी. पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाएगी. लेकिन, द्वितीया और तृतीया तिथि 31 मार्च को एक ही दिन लग रही है, इसलिए तृतीया तिथि का क्षय हो रहा है. इस कारण चौत्र नवरात्रि पर 8 दिन ही व्रत रखा जाएगा.

देखिए किस दिन कौनसा व्रत रखा जाएगा -

  • 30 मार्च प्रतिपदा (मां शैलपुत्री पूजन)
  • 31 मार्च द्वितीया तिथि (मां ब्रह्मचारिणी पूजन) सुबह 9.12 बजे तक है, इसके बाद तृतीया तिथि (मां चंद्रघंटा पूजन) लगेगी, लेकिन इसका क्षय होगा.
  • 1 अप्रैल चतुर्थी तिथि (मां कूष्मांडा पूजन)
  • 2 अप्रैल पंचमी (मां स्कंदमाता पूजन)
  • 3 अप्रैल षष्ठी (मां कात्यायनी पूजन)
  • 4 अप्रैल सप्तमी (मां कालरात्रि पूजन)
  • 5 अप्रैल अष्टमी (मां महागौरी पूजन)
  • 6 अप्रैल नवमी (मां सिद्धिदात्री पूजन)
  • 7 अप्रैल दशहराध्नवरात्रि पारण
  • नवरात्रि 2025 में व्रत और अनुष्ठान

नवरात्रि में व्रत रखने वाले भक्तों को कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक होता है.

  • सात्विक भोजन ग्रहण करें.
  • दिन भर फलाहार करें और अन्न का सेवन न करें.
  • देवी दुर्गा की पूजा विधिपूर्वक करें और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें.
  • घर को स्वच्छ और पवित्र रखें.
  • मन, वचन और कर्म से सात्विकता बनाए रखें.
  • अंतिम दिवस कन्या पूजन करें और उन्हें भोजन कराएं.

नवरात्रि का महत्व

नवरात्रि भारतीय संस्कृति और धर्म में विशेष स्थान रखती है. इस पर्व में शक्ति की आराधना की जाती है, जिससे व्यक्ति को मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है. यह पर्व हमें यह संदेश देता है कि हमें अपने अंदर की नकारात्मक शक्तियों को समाप्त कर सकारात्मकता की ओर बढ़ना चाहिए.

इस शुभ अवसर पर सभी भक्तों को नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ!