नई दिल्ली. आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने सोमनाथ शिवलिंग के पुनः प्रकट होने और उसे सोमनाथ मंदिर में स्थापित करने की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि 1026 में सोमनाथ शिवलिंग का विध्वंस किया गया था, लेकिन अब वह शिवलिंग 1000 साल बाद पुनः प्रकट हुआ है. इस शिवलिंग को अयोध्या और अन्य धार्मिक स्थलों के मार्ग से शोभा यात्रा निकालकर सोमनाथ मंदिर में पुनः स्थापित किया जाएगा. इस आयोजन की तारीख का निर्धारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे.
सोमनाथ मंदिर में पुनः स्थापित होने वाले शिवलिंग को लेकर श्री श्री ने कहा कि यह घटना सनातन संस्कृति और अध्यात्म के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने इसे कोई चमत्कार न मानते हुए इसे सनातन धर्म की शक्ति बताया. 1026 में विध्वंसित इस शिवलिंग के 1000 साल बाद प्रकट होने की घटना को उन्होंने सनातन धर्म की ताकत और विश्वास का प्रतीक बताया.
श्री श्री रविशंकर ने इस अवसर पर हिमाचल सरकार पर भी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने कहा कि कोई भी सरकार मंदिरों से फंड लेने के लिए कोई भी पत्र जारी नहीं कर सकती है. हालांकि, वे मंदिरों की सफाई और देखरेख के लिए आदेश जारी कर सकती है.
बता दें कि इससे पहले सोमवार को राजधानी दिल्ली के पंजाबी बाग में आयोजित एक भव्य सत्संग में श्री श्री रविशंकर ने पहली बार मूल सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के पवित्र अवशेषों के दर्शन कराए, जो 1000 साल बाद पुनः प्राप्त हुए हैं. इस ऐतिहासिक मौके पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता और पश्चिमी दिल्ली की सांसद कंवलजीत सहरावत भी उपस्थित थीं. इस दौरान उन्होंने बताया था कि अब यह मूल सोमनाथ ज्योतिर्लिंग देशभर के विभिन्न स्थानों पर दर्शन के लिए ले जाया जाएगा और आखिर में इसे गुजरात के सोमनाथ मंदिर में स्थापित किया जाएगा.