Second day of Hazrat Amir Khusro's Urs: Former cricketer Azharuddin participated with pilgrims from Pakistan-Afghanistan.
आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन में सूफी गायक और कवि हजरत अमीर खुसरो का 720वां उर्स बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. अमीर खुसरो के मजार को विशेष रुप से सजाया गया है जिस पर उनके चाहने वालों की तरफ से अकीदत के फूल निछावर किए जा रहे हैं. पाँच दिवसीय इस उर्स में बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के जायरीन पहुंच रहे हैं.
उर्स के दूसरे दिन ईशा की नमाज के बाद “बरी रात” कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें विशेष दुआ की गई और शजरा ख्वानी भी पढ़ी गई. जिसमें भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने भी शिरकत की.दूसरे रोज के उर्स में दरगाह हजरत निजामुद्दीन औलिया के पीरजादे, अजमेर दरगाह शरीफ समेत दूसरे मशहूर दरगाहों के गद्दीनशीन ने शिरकत की.
बरी रात का आयोजन हजरत निजामुद्दीन औलिया के मजार के ठीक सामने किया गया जिसमें देश में अमन व अमान के लिए दुआएं की गई.दरगाह शरीफ के इंचार्ज सैयद अनीस निजामी ने आवाज द वॉइस से बात करते हुए बताया कि दूसरे रोज विशेष तौर पर बरी रात का आयोजन किया गया, जिसमें कुरानी आयात पढ़ी गई और देश में अमन व शांति के लिए दुआएं की गई.
उसके बाद महफिल ए कव्वाली का आयोजन किया गया जिसमें दरगाह के दर्जनों कव्वालों ने अमीर खुसरो की गजलें पेश की.मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार पाकिस्तान से 80 जायरीन उर्स में शिरकत के लिए दिल्ली पहुंचे हैं. पाकिस्तान की तरफ से 199 जायरीन के आवेदन किया गया था लेकिन भारत सरकार ने सिर्फ 80 जायरीन की वीजा दी है, इसमें से भी सिर्फ 70 जायरीन ही दिल्ली पहुंचे हैं.
मालूम हो कि हजरत अमीर खुसरो का असल नाम यमीनुद्दीन है और उपाधि अबुल हसन है. जबकि अमीर खुसरो से वह मशहूर है. उनका जन्म 1253ई में उत्तर प्रदेश के वर्तमान जिले कासगंज के पटियाली में हुआ था. वह हजरत निजामुद्दीन औलिया के भक्त थे, उनकी वफात 1325 ई. में हुई थी.
आज होने वाले उर्स सुबह 11 बजे से शुरु होगा जो देर रात तक चलेगा. बारा कुल शरीफ, और आम लोगों के लिए दुआ और कव्वाली का आयोजन किया जाएगा.