गुलाम कादिर /भोपाल
रमजान के पवित्र महीने में सेवइयों एवं फेनी की बिक्री बढ़ जाती है. इसके चलते खजूर और फेनी की कीमतों में भारी इजाफा हो गया है. बावजूद इसके दुकनों पर खरीदारों की भीड़ लगी हुई है.रमजान में स्वीट डिश का अपना अलग स्वाद होता है. पूरे महीने खाई जाने वाली फेनी इस समय बाजारों में 150 से 180 रुपये किलो बिक रही है. खास बात यह है कि अगर आप भोपाल के किसी इलाके में रहते हैं और आप फेनी की खरीदारी करना चाहते हैं तो पुराना शहर आपके लिए सबसे अच्छा रहेगा.
आप शहर जा सकते हैं और सबसे अच्छी फेनी खरीद सकते हैं. इसे अपने सामने बनते देख सकते हैं. ऐसे में आपको गुणवत्ता के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं. खाने-पीने की चीजों से दुकानें सज गई हैं. रमजान में फेनी, खजूर और सेइयां ज्यादा बिक रही हैं.
आपको सोमवाड़ा, अटवारा, चौक के आसपास इन वस्तुओं की बिक्री करने वाली कई दुकानें मिल जाएंगी. बाजार के अन्य हिस्सों से आपको कीमतों में भी कुछ छूट मिलेगी.अतहर अली ने कहा कि रमजान आते ही ग्राहकों की संख्या बढ़ जाती है. फेनी पूरे रमजान में खाई जाती है, इसलिए इसकी बिक्री खूब हो रही है.
ईद को खास बनाने को लखनवी सेवइयों की बुकिंग शुरू
पूरा देश लखनवी सेवइयों का दीवाना है. यहां से किमामी सेवई उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, चेन्नई, दिल्ली, मुंबई और महाराष्ट्र के साथ कोलकाता भेजी जाती है. इन राज्यों के लोग नवाबों के शहर की सेवइयों को बहुत प्यार करते हैं. इसलिए रमजान शुरू होने से पहले ही लखनऊ की फैक्ट्रियों में सेवइयां बनाने का सिलसिला शुरू हो जाता है.
लखनऊ में सेवइयों की करीब 60 फैक्ट्रियां हैं. लखनऊ की एक बेहद मशहूर फैक्ट्री के मालिक आसिफ ने बताया कि लखनऊ की सेवइयां किमामी ईद के लिए बेहद खास मानी जाती है. यहां जैसी सेवई किसी और राज्य में खाने को नहीं मिलती, इसलिए इनकी सबसे ज्यादा डिमांड रहती है.
उन्होंने कहा कि किमामी सेवइयां खाने में बेहद सॉफ्ट होती हैं. अगर आप इसे कई दिनों तक रखेंगे तो भी यह खराब नहीं होगी. उन्होंने कहा कि इन दिनों फैक्ट्री के कर्मचारी 24-24घंटे काम कर रहे हैं, ताकि लखनवी सेवइयां अन्य राज्यों में सही समय पर पहुंच सकें.
उन्होंने कहा कि हर साल लोग बड़ी संख्या में फैक्ट्रियों से संपर्क करते हैं और सेवइयों को अपने करीबियों तक पहुंचाने के लिए बुक करते हैं. रोजाना 15से 20क्विंटल सेवई का उत्पादन हो रहा है. उन्होंने कहा कि दो दिन के अंदर ही लोगों ने लाखों की सेवइयां बुक कर ली हैं.
कैसे बनती हैं सेवइयां
सबसे पहले मैदा लिया जाता है. फिर उसे मशीन में डाल कर अच्छी तरह मिक्स किया जाता है. जब दूसरी मशीन में आटा डाला जाता है तो लच्छे के रूप में आटा निकलता है. फिर इसे 5से 7घंटे के लिए धूप में सुखाया जाता है. इसे पतली लकड़ी पर सुखाया जाता है. सूखने के बाद इसे धीमी आंच पर भट्टी में रखा जाता है. फिर इसे बाहर निकाल लिया जाता है और इसे ठंडा होने का इंतजार किया जाता है.उसे कागज में लपेटकर पैक करके बाजारों में भेज दिया जाता है.
लखनऊ में कीमत
नवाबों के शहर लखनऊ में सेवई के मुख्य बाजार अमीनाबाद, रकाबगंज और नखास हैं. यहां अब सेवई की कीमत 40से 60रुपये प्रति किलो है, जबकि पहले यह 30से 40रुपये प्रति किलो थी. यहां के व्यापारियों ने ईद तक दाम और बढ़ने की संभावना जताई है.
एजेंसी इनपुट