फ़ज़ल पठान
दुनिया में मुसलमानों के सबसे बड़े धार्मिक सुधार आंदोलन के रूप में जाना जाने वाला तब्लीगी जमात महाराष्ट्र भर में विभिन्न स्थानों पर ' इज्तेमा' का आयोजन कर रहा है. इज्तेमा का मतलब धार्मिक सभा होता है. इनमें जिला स्तरीय इज्तेमा दो जनवरी से तीन जनवरी को महाराष्ट्र के बीच बीड जिले के अंबाजोगाई के चांदमारी मैदान में हुआ. यह भव्य आयोजन करीब 150 एकड़ क्षेत्र में आयोजित किया गया.
इज्तेमा के अवसर पर जिले के सभी तालुकाओं से लगभग दो लाख मुस्लिम भाई एकत्र हुए और सभी के कल्याण के लिए दुआ की गई. मौलाना ने इस बात पर जोर दिया कि सभी को पैगंबर मोहम्मद के बताए रास्ते पर चलना चाहिए.
सभी के साथ विनम्रता से पेश आना चाहिए और इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि किसी को परेशानी न हो. दिलचस्प बात यह है कि इज्तेमा में कुछ जोड़ों ने बिना कोई पैसा खर्च किए बेहद सादगी से शादी कर ली. पूरा कार्यक्रम शांतिपूर्ण एवं सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ.
इस दो दिवसीय इज्तेमा में बीड जिले और आसपास के इलाकों से हजारों की संख्या में मुस्लिम भाई जुटे थे. शुक्रवार मगरिब (शाम) की नमाज के बाद दुआ के साथ इज्तेमा का समापन हुआ. इज्तेमा के जरिए सभी ने सामाजिक सद्भाव के लिए दुआ की.
गेवराई विधायक का मुसलमानों के नाम पत्र
बीड जिले में होने वाले इज्तेमा की तैयारियां पिछले कुछ महीनों से चल रही थी. बीड जिले के गेवराई मांतदारसंघ के विधायक विजय सिंह पंडित ने इज्तेमा के लिए आने वाले मुस्लिम भाइयों के वाहनों के लिए टोल माफी के संबंध में आईआरबी से पूछा. टोल प्लाजा के प्रबंधक को पत्र के माध्यम से अनुरोध किया गया है.
इस बारे में बात करते हुए इज्तेमा की प्रबंधन समिति के सदस्य इस्माइल कादरी कहते हैं, “तब्लीगी जमात की ओर से मुसलमानों के लिए अंबाजोगाई में इज्तेमा आयोजित किया गया. हम पिछले कई महीनों से इसके लिए काम कर रहे थे. इज्तेमा के लिए हर साल लाखों मुसलमान बीड आते हैं.
उन्होंने कहा, “उनमें से कई लोग वाहन से आते हैं. हमने गेवराई विधायक विजय सिंह पंडित से इज्तेमा में आने वाले वाहनों को टोल से छूट दिलाने का अनुरोध किया. विधायक ने मुस्लिम समुदाय की मांग मान ली. उन्होंने तुरंत आई.आर.बी. को फोन किया.
इस संबंध में टोल प्लाजा के मैनेजर को पत्र भेजा गया. इसके लिए मैं पूरे मुस्लिम समुदाय की ओर से उनका हार्दिक धन्यवाद व्यक्त करता हूं.” कैबिनेट मंत्री धनंजय मुंडे ने भी इज्तेमा में शिष्टाचार भेंट की और उपस्थित लोगों का अभिवादन किया.
इज्तेमा के जरिए सामाजिक सौहार्द बनाए रखने की दुआ
बीड जिले के इज्तेमा में मुस्लिम समुदाय का मार्गदर्शन करने के लिए मुस्लिम मौलवी और उलेमा मौजूद रहे. इस मौके पर मौलाना सादिक ने कहा, ''मुसलमानों के लिए ईमान की ताकत, इस्लामी तौर-तरीके अहम हैं. साथ ही मुसलमानों के लिए देश भी अहम है. मुसलमानों को एक साथ आकर सामाजिक सौहार्द बनाए रखना चाहिए. .तभी समाज और देश आगे बढ़ेगा.”
इस बारे में मौलाना जुनैद सुल्तानी कहते हैं, ''तबलीगी इज्तेमा सिर्फ धर्म का संगठन नहीं है. इज्तेमा मुसलमानों के जीवन को बेहतर बनाने, समाज में एकता स्थापित करने और सभी धर्मों के प्रति सम्मान पैदा करने का ईमानदार प्रयास करता है. साथ ही यहां मुसलमानों को इस्लामी शिक्षा और सामाजिक जिम्मेदारी के बारे में भी मार्गदर्शन दिया जाता है.”
हजारों कार्यकर्ता सेवाएँ प्रदान करते हैं
इज्तेमा का आयोजन करने वाले प्रबंधक इज्तेमा में आने वाले हजारों-लाखों मुस्लिम समुदाय के सदस्यों के आवास और भोजन की जिम्मेदारी लेते हैं. इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए अधिक जनशक्ति की आवश्यकता है.
इस आवश्यकता को कर्तव्य मानकर हजारों मुस्लिम कार्यकर्ता इज्तेमा के लिए अपनी सेवाएं देते हैं. इस सेवा का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि इज्तेमा के लिए आने वाले मुसलमानों को किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े और उनकी बुनियादी जरूरतें पूरी हों. खास तौर पर स्वयंसेवक इस बात का भी खास ख्याल रखते हैं कि मुस्लिमों के इस भव्य जमावड़े से ट्रैफिक और अन्य समस्याएं पैदा होकर दूसरों को परेशानी न हो.
इज्तेमा के लिए सटीक प्रबंधन
बीड में आयोजित इज्तेमा के लिए मुस्लिम समुदाय की ओर से चांदमारी मैदान में 100 एकड़ क्षेत्र में मंडप का निर्माण किया गया था. साथ ही आने वाले सभी मुसलमानों के रहने, खाने-पीने, स्वास्थ्य और पार्किंग की भी व्यवस्था की गई.
इज्तेमा प्रबंधन ने आने वाले मुसलमानों की देखभाल के लिए ए, बी, सी, डी जैसे कुछ जोन बनाए थे. प्रत्येक जोन को सीमित संख्या में लोगों की जिम्मेदारी सौंपी गई. प्रबंधन ने एक-दूसरे से संपर्क बनाए रखने के लिए वॉकी-टॉकी का इस्तेमाल किया.
इज्तेमा क्या है?
तब्लीगी जमात की स्थापना 1927 में मौलाना इलियास कांधलवी ने की थी. तबलीगी जमात को दुनिया में मुसलमानों के सबसे बड़े धार्मिक सुधार आंदोलन के रूप में जाना जाता है. 'जमात' का अर्थ है लोगों का एक समूह, टीम. तब्लीगी जमात की वार्षिक बैठक इज्तेमा है. हर साल इस इज्तेमा का आयोजन देश के अलग-अलग हिस्सों में किया जाता है. इज्तेमा का उद्देश्य मुसलमानों में इस्लाम के नैतिक मूल्यों को विकसित करना और उन्हें नैतिक और धार्मिक रूप से सुधारना है.