प्रयागराज महाकुंभ 2025: उच्च तकनीक रसोई से प्रतिदिन एक लाख श्रद्धालुओं को भोजन

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 27-01-2025
Prayagraj Maha Kumbh 2025: High-tech kitchen to feed one lakh devotees daily
Prayagraj Maha Kumbh 2025: High-tech kitchen to feed one lakh devotees daily

 

आवाज द वॉयस/ प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)

भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर का प्रतीक महाकुंभ मेला 2025 इस समय प्रयागराज में अपने चरम पर है. श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और व्यापक धार्मिक आयोजन के बीच, मानव धर्म शिविर ने एक नई मिसाल कायम की है. शिविर ने एक उच्च तकनीक वाली रसोई स्थापित की है, जो प्रतिदिन 1 लाख से अधिक श्रद्धालुओं को भोजन उपलब्ध करा रही है. इस विशाल आयोजन में भोजन पकाने और परोसने के लिए उन्नत मशीनों और हजारों कर्मियों की टीम दिन-रात काम कर रही है.

हर दिन लाखों लोगों के लिए भोजन का प्रबंधन

मानव धर्म शिविर के एक सदस्य ने जानकारी देते हुए बताया कि इस शिविर में प्रतिदिन कम से कम 1 लाख श्रद्धालुओं को भोजन कराया जा रहा है. उन्होंने कहा, “हमारे पास भोजन बनाने के लिए 500 से अधिक लोग हैं, जबकि भोजन परोसने और अन्य सेवाओं के लिए 2-3 हजार से अधिक कार्यकर्ता काम कर रहे हैं.

इस रसोई के लिए उन्नत तकनीक और मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है.”खास बात यह है कि शिविर में लगी मशीनें भोजन बनाने की प्रक्रिया को न केवल तेज करती हैं, बल्कि इसे बेहद व्यवस्थित और कुशल बनाती हैं


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मशीनों से बना रहे रोटियां और काट रहे सब्जियां

रसोई के प्रबंधन को विस्तार से बताते हुए शिविर के सदस्य ने कहा, “हमारे पास एक मशीन है जो एक घंटे में 2,000 रोटियां बना सकती है. यह मशीन न केवल रोटियां बनाती है, बल्कि पूरी भी तैयार करती है. इसके अलावा, हमारे पास सब्जियां काटने और चावल बनाने के लिए भी मशीनें हैं.”

उन्होंने आगे बताया कि, “यदि हमारे पास ये आधुनिक मशीनें नहीं होतीं, तो इतने बड़े स्तर पर श्रद्धालुओं को भोजन उपलब्ध कराना संभव नहीं हो पाता.”

श्रद्धालुओं के लिए अन्य सुविधाएं

भोजन के साथ ही श्रद्धालुओं के लिए शिविर में 2,000 शौचालय, टेंट, पानी की आपूर्ति, और अन्य बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं. यह व्यवस्था श्रद्धालुओं की सुविधा और उनकी आध्यात्मिक यात्रा को सरल बनाने के लिए की गई है.

महाकुंभ मेला भारत के सनातन धर्म की सबसे बड़ी धार्मिक परंपराओं में से एक है. यह हर 12 साल में आयोजित किया जाता है, और इस बार यह 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक प्रयागराज में आयोजित हो रहा है.

परंपरागत रूप से, तीर्थयात्री संगम पर आते हैं, जहां गंगा, यमुना और विलुप्त सरस्वती नदियों का संगम होता है. यह संगम पवित्र माना जाता है, और इसमें डुबकी लगाने से पापों से मुक्ति और मोक्ष प्राप्ति का विश्वास किया जाता है.


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श्रद्धालुओं की भारी भीड़

महाकुंभ के शुरुआती 14 दिनों में ही 11 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं. इस बार मेले में लगभग 45 करोड़ तीर्थयात्रियों के शामिल होने की उम्मीद है, जो इसे भारत का सबसे बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन बना देगा.

महाकुंभ मेला न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है. इसका आयोजन एक दिव्य संरेखण का प्रतीक है, जो आध्यात्मिक शुद्धि और भक्ति के लिए एक शुभ अवसर माना जाता है. यह आयोजन भारतीय परंपराओं, सहिष्णुता और सामूहिकता का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करता है.

प्रयागराज महाकुंभ 2025 सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विविधता, तकनीकी विकास और सेवा भावना का अद्वितीय संगम है. मानव धर्म शिविर द्वारा स्थापित उच्च तकनीक वाली रसोई ने न केवल श्रद्धालुओं को भोजन उपलब्ध कराने की चुनौती को आसान बना दिया है, बल्कि यह दिखाया है कि आधुनिक तकनीक का उपयोग पारंपरिक आयोजनों को सफल बनाने में कैसे किया जा सकता है.

इस महाकुंभ में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और उनकी आस्था का यह पर्व आने वाले समय में भी भारतीय संस्कृति और परंपराओं की पहचान को वैश्विक स्तर पर मजबूत करता रहेगा.