मोहम्मद अकरम / दिल्ली
रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में जमीयत ए अहले हदीस द्वारा आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन के अंतिम दिन देशभर से आए हजारों लोगों ने मस्जिद ए नबवी के इमाम डॉक्टर अब्दुल्लाह बिन अब्दुल रहमान अल बुऐजान की इमामत में मग़रिब और ईशा की नमाज़ अदा की. सम्मेलन में वक्ताओं ने मानवता, शांति और विभिन्न धर्मों की शिक्षाओं पर विस्तार से विचार साझा किए.
इमाम ने अपने संबोधन में इस्लाम की शिक्षा को शांति और अमन का प्रतीक बताते हुए कहा कि मुस्लिम समुदाय का कर्तव्य है कि वे इस्लाम की सही छवि पेश करें. उन्होंने देश के विकास, शांति और भाईचारे को बढ़ावा देने में अपनी भूमिका निभाने का आह्वान किया.
अंतरधार्मिक समझ और शांति पर जोर
मौलाना मेराज रब्बानी ने पैगंबर मुहम्मद (स.अ) के समय हुए समझौते का उदाहरण देते हुए कहा कि हमें अपने देश भारत के प्रति आदर और सह-अस्तित्व का व्यवहार अपनाना चाहिए. उन्होंने विभिन्न धर्मों के लोगों के बीच शांति फैलाने, मोहल्लों में शांति समितियां बनाने और पुलिस के सहयोग से काम करने की बात पर जोर दिया..
आतंकवाद के खिलाफ फतवा
ऑल इंडिया इमाम संगठन के अध्यक्ष उमैर इलियासी ने आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक फतवा जारी करने के लिए जमीयत की सराहना की. कहा कि इस्लाम निर्दोषों की जान की हिफाजत की शिक्षा देता है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद इस्लाम का हिस्सा नहीं है.
इंसाफ और शांति पर आधारित इस्लाम
मौलाना जरजिस सिराजी ने न्याय और इंसाफ को इस्लाम का आधार बताया. उन्होंने कहा कि दुनिया में शांति तभी स्थापित हो सकती है जब न्याय हो। उन्होंने फिलिस्तीन-इजरायल संघर्ष पर चिंता व्यक्त करते हुए पैगंबर मुहम्मद के बताए गए युद्ध के नियमों का अनुसरण करने का संदेश दिया.
सम्मेलन में शांति और सह-अस्तित्व की शिक्षा
सम्मेलन के अध्यक्ष मौलाना असगर अली इमाम महदी सल्फी ने इस्लाम को शांति और भाईचारे का धर्म बताया.उन्होंने कहा कि इस्लाम का इतिहास धार्मिक सहिष्णुता और मानवता का आदर करने की शिक्षा देता है. उन्होंने आपसी सद्भाव और राष्ट्रीय एकता की जरूरत पर बल दिया..
धर्मगुरुओं का संदेश
जैन धर्मगुरु आचार्य विवेक मुनि ने मानवता के उत्थान में धर्म के योगदान पर बल दिया. बौद्ध धर्मगुरु आचार्य येशीपंत शुक्ल ने सभी धर्मों के लोगों से शांति के लिए मिलजुल कर प्रयास करने की अपील की। सनातन धर्मगुरु आचार्य सुशील मणि ने कहा कि धार्मिक मूल्यों का पालन कर भारत को मजबूत और स्थिर बनाया जा सकता है.
जमीयत अहले हदीस तमिलनाडु पांडिचेरी के अमीर हाफिज अब्दुल वाहिद नाजिम और अन्य वक्ताओं ने गरीबों की सेवा, माता-पिता का सम्मान और धर्म की सामान्य शिक्षाओं को अपनाने का संदेश दिया.
सम्मेलन का समापन
हरियाणा जमीयत ए अहले हदीस के अध्यक्ष डॉ. ईसा खान, जमात-ए-इस्लामी हिंद के अमीर इंजीनियर सैयद सआदतुल्लाह अल-हुसैनी, और विभिन्न राज्यों से आए धर्मगुरुओं और प्रतिनिधियों ने भी सम्मेलन को संबोधित किया. सम्मेलन का समापन जमीयत के अध्यक्ष मौलाना असगर सल्फी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने शांति और मानवता की स्थापना के प्रति अपने दृढ़ संकल्प को दोहराया.