यूनुस अलवी / नूंह-मेवात
नूंह में 31 जुलाई को विश्व हिंदू परिषद की धार्मिक यात्रा के दौरान हुई हिंसा और बवाल के बाद भी 84 कोस परिक्रमा बिना किसी रुकावट के चल रही है. नूंह हिंसा का भी ऐतिहासिक ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा पर कोई असर नहीं पड़ा है.
ये परिक्रमा शांतिपूर्ण तरीके से चल रही है. कोई असामाजिक तत्व परिक्रमा में खलल न डाले, इसको लेकर मुस्लिम समुदाय के लोग 84 कोस परिक्रमा के श्रद्धालुओं की रात भर सुरक्षा में जुटे रहते हैं. इतना ही नहीं मुस्लिम समाज के लोग अपने घरों में श्रद्धालुओं आराम के लिए अपने दरवाजे खोल दिए है. पुरुष और महिला श्रद्धालुओं ने भी मुस्लिमों समाज के लोगों द्वारा बिना किसी भेदभाव उनकी सेवा और सुरक्षा करने पर धन्यवाद जताया है.
Braj Chaurasi Kos Parikramarthi having Bhandara
मेवात क्षेत्र के पुन्हाना उपमंडल से इन दिनों ऐतिहासिक ब्रज चौरासी कोस की परिक्रमा गुजर रही है. नूंह जिले के गांव बिछौर और नीमका से चौरासी कोस की परिक्रमा में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु निकल रहे हैं. ये यात्रा 16 अगस्त तक चलेगी. जिन गावों से श्रद्धालु निकल रहे हैं, वह मुस्लिम बाहुल्य इलाका है.
दोनों गांवों के मुस्लिम समुदाय के लोग पूरी रात श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सेवा में लगे रहते हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने पूरी रात श्रद्धालुओं के आराम के लिए अपने घरों के दरवाजे खोल रखे है.
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क्या आप जानते हैं कि मेवात में कभी हिंदू-मुस्लिम का झगड़ा क्यों नहीं होता, क्योंकि मेवात का मेव समाज आपने आपको सूर्य एंव चंद्रवंशी मानता है. मेवात के मुस्लिम समाज के दो दर्जन गौत्र, पाल और एक दर्जन रिति रिवाज आज भी हिंदू समाज के लोगों से मिलते हैं.
मेव समाज में डागर, सहरावत, मोर, बडगूजर, तोमर सहित कई गोत्रों के गांव आज भी मौजूद है. और मुस्लिम समाज के लोग बड़े फख्र से अपने आगे इन गौत्रों को लगाते हैं. यही कारण है कि आज तक मेवात में कभी हिंदू-मुस्लिम का कोई दंगा नहीं हुआ.
Sushila
ब्रज चौरासी कोस यात्रा में शामिल होने आई सुशीला शर्मा बताती हैं कि मेवात का माहौल बहुत ही अच्छा है. हिंदू-मुसलमान अच्छी तरह से रह रहे हैं. मुसलमान हमारी खूब सेवा कर रहे हैं, पानी की भी सेवा कर रहे हैं. वे बड़े प्यार से पंखा-कूलर की सुविधा दे रहे हैं. झगड़े का यहां कोई असर नहीं है, सब लोग यहां प्रेम से अम्मा कहकर बोलते है, हिंदू-मुसलमान के झगड़े पर अम्मा ने कहा कि ये सब अफवाह है, यहां झगड़े के नाम पर कोई बात नहीं है.
Harbai
इस तरह हरबती कहती हैं कि वह बल्लमगढ़ से चौरासी कोस की परिक्रमा में शमिल होने आई हैं, मुसलमान भाई खूब सेवा कर रहे हैं, चाय, पानी लस्सी पिला रहे हैं, उनका कहना कि यह सब अफवाह है कि परिक्रमा वालों को मुसलमान मार पीट रहे हैं.
यहां के मुसलमान खूब सेवा कर रहे हैं. हरबती कहती हैं कि नूह हिंसा की सुनकर हमारे घर वालों के फोन आ रहे हैं, वहां का माहौल खराब है, तुम वापस घर आ जाओ, हमने उनसे कह दिया, ऐसा यहां पर कुछ नहीं है, यहां के लोग बहुत ही सेवा कर रहे हैं,
Pushpa Devi
एक अन्य परिक्रमार्थी पुष्पा देवी ने बताया कि वह गांव जरानी कलां, हनसपुर से आई हैं. बद्रीनाथ होते हुए निकल कर आ रहे हैं. परिक्रमा में बीमारों को जो दवा-गोली दी जा रही है, उससे कोई फायदा नहीं हो रहा है. मैं डॉक्टर के पास गई, डॉक्टर ने भी मना कर दिया, गरीब आदमी की क्यों मदद नहीं होती. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि चौरासी कोस की यात्रा में आदमी पैदल चलता है, धूप पड़ रही है, परेशान हो जाता है, दवा की जरूरत पड़ती है, दवा क्यों नहीं मिलती है.
Abdul Mazid
नीमका निवासी अब्दुल मजीद ने कहा कि हमारा पूरा गांव परिक्रमा दे रहे लोगों की सेवा में रात के 1.00 बजे तक उनकी देखभाल करता रहता है. कोई शरारती तत्व बाहर से आकर यहां अप्रिय घटना ना कर दे, इसको लेकर पूरा गांव सहयोग कर रहा है. किसी भी व्यक्ति को कोई परेशानी ना हो, इसके लिए हमसे जो बन रहा है, सारी सुविधा उपलब्ध कर रहे हैं.
Maksood Khan
नूंह जिला के वार्ड नंबर 22 के जिला पार्षद एवम गांव नीमका निवासी मकसूद खान बताते हैं कि जो यह बवाल चल रहा है. हम इसकी वजह से नीमका, दाढ़का, बिछौर तीनों गांव की देखभाल कर रहे हैं. हमारा मकसद है कि कोई शरारती तत्व बाहर से आकर कोई अप्रिय घटना ना कर द,े इसको लेकर हम सारे सचेत हैं. हमारे तीन गांव ब्रज इलाके में आते हैं. परिक्रमा दे रहे लोगों के साथ कोई छेड़छाड़ ना हो और इसका संदेश गलत ना जाए,
उन्होंने कहा कि बाहर के लोग परिक्रमा वालों के दिमाग में गलत बात भर देते हैं, जब कि यहां पर परिक्रमा वाले आते हैं, तो यहां इंतजाम देखकर खुश हो जाते हैं. उन्होंने बताया कि हम रात को तीनों गांव में पहरा देते हैं. किसी भी परिक्रमा वाले को कोई भी जरूरत हो, उसे जरूर को हम पूरा करने की कोशिश करते हैं.
Dhirendra Khadgata IAS and Narendra Bijarniya IPS
नूंह जिला के डीसी धीरेंद्र खड़खटा और एसपी नरेंद्र बिजारनिया का कहना है कि मेवात इलाका काफी शांत इलाका रहा है. यहां के हिंदू-मुस्लिम का भाईचारा एक मिसाल है. नूंह जिला के पुनहाना खंड के गांव सिंगार, नीमका आदि गांवों से हर साल 84 कोस परिक्रमा यात्रा निकलती है. मुस्लिम समाज के लोग इस यात्रा को सफल बनाने में अपना पूरा योगदान देते आ रहे हैं. यहां तक कि बहुत से मुस्लिम समाज के लोग यात्रा में शामिल लोगों के ठहरने और उनके खाने पीने का इंतजाम भी करते हैं, जो एक अच्छी मिसाल है. मीडिया को भी चाहिए कि मेवात के ऐसे भाईचारे को भी आम जनता के सामने लाना चाहिए.
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