भक्ति चालक
सोलापुर जिले के नातेपुते शहर में रहने वाले शाहीद मुलाणी और उनके भाई सिकंदर मुलाणी, नौशाद मुलाणी, साथ ही पूरा परिवार धार्मिक सौहार्द बनाए रखने की कोशिश कर रहा है.शाहीद और उनके परिवारवाले हिंदू त्योहारों में भी बड़ी उत्साह के साथ शामिल होते हैं.समाजिक कार्य के लिए उन्होंने रजा फाउंडेशन की स्थापना की है, जिसके माध्यम से यह परिवार सामाजिक कार्य करता है.इस संस्था के जरिए हिंदू-मुस्लिम सौहार्द बढ़ाने के लिए वे विभिन्न उपक्रम चला रहे हैं.
शाहीद मुलाणी होटल व्यवसाय के लिए इलाके में प्रसिद्ध हैं.उनके 'सागर' नाम से शहर में दो होटल्स हैं और बेहतरीन खाने के लिए वे इलाके में मशहूर हैं.इस व्यवसाय के माध्यम से उन्होंने पचास से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान किया है.व्यवसाय की व्यस्तता के बावजूद वे समाज सेवा के लिए समय निकालते हैं.
ईद के साथ दशहरा-दीवाली जैसे त्योहारों पर भी वे दान और धर्म कार्य में भाग लेते हैं.इस बार गणेशोत्सव के अवसर पर मुलाणी परिवार ने एक अनोखा उपक्रम शुरू किया है, जिसे सभी जगह सराहा जा रहा है.गणेशोत्सव के दौरान मुलाणी परिवार के शाहिद, सिकंदर और नौशाद इन 3भाइयों ने गणेश भक्तों को 101गणेश मूर्तियों का मुफ्त वितरण किया है.धार्मिक सद्भाव बनाए रखने के इस उपक्रम की महाराष्ट्रभर में चर्चा हो रही है.
इस उपक्रम के बारे में शाहीद बताते हैं, “हम इस उपक्रम के माध्यम से सभी धर्मों के प्रति समान भाव बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं.धार्मिक सौहार्द बनाए रखने और हिंदू भाइयों की खुशी में शामिल होने के लिए इस गणेशोत्सव पर हमने मुफ्त गणेश मूर्तियाँ देने का निर्णय लिया है.गणपति सभी के दिल के करीब हैं, इसलिए हमें लगता है कि हमारे इस छोटे से प्रयास से समाज में एकता बढ़ेगी.”
वे आगे कहते हैं, “यह हमारे उपक्रम का पहला साल है.2009 से, हम मुसलमान समाज की ओर से विसर्जन के दिन गणेश मंडलों के अध्यक्षों को प्रमाणपत्र और श्रीफल देकर सम्मानित करते आ रहे हैं.इस माध्यम से कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ाकर दोनों समुदायों के बीच भाईचारा बनाए रखने का प्रयास किया जाता है.इस साल का हमारे इस उपक्रम से समाज के हर स्तर में धार्मिक सद्भाव की भावना पैदा हो यहीं हमारी कामना है.”
इन गणेश मूर्तियों का वितरण नातेपुते पुलिस स्टेशन के सहायक पुलिस निरीक्षक महारुद्र परजणे की उपस्थिति में किया गया.इस दौरान वे कहते हैं, "मुलानी परिवार का यह उपक्रम धर्मों के बीच एकता का एक उत्कृष्ट उदाहरण है.शाहीद, सिकंदर और नौशाद मुलाणी भाइयों ने मुफ्त गणेश मूर्तियाँ देकर हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश दिया है.इस प्रकार का प्रयास पूरे भारत में होना चाहिए जिस से हिंदू-मुस्लिम एकता को बढ़ावा मिले.”
वर्तमान में धर्म के नाम पर समाज में अशांति फैल रही है, लेकिन वास्तविक धर्म क्या है, इसे बहुत कम लोग समझते हैं.इस्लाम द्वारा दिए गए सामाजिक सौहार्द की शिक्षा के बारे में शाहीद कहते हैं, “मुहम्मद पैगंबर ने सामाजिक एकता और आपसी सम्मान की शिक्षा दी.हम उसी का पालन कर रहे हैं.हमारे माता-पिता ने भी हमें यही संस्कार दिए हैं.सभी धर्मों की शिक्षाएँ इसी तरह की हैं.इसलिए आज भी हमारे कार्यक्रमों में गाँव के सभी धर्मों के लोग शामिल होते हैं और हम भी उनके कार्यक्रमों में जाते हैं..”
यहाँ की गणेश मूर्ति स्थापना करनेवाले नितिन धायगुडे बताते हैं, “जब हम मूर्तियाँ खरीदने जा रहे थे, तो हमें सड़क पर एक स्टॉल देखा, जहाँ एक परिवार गणेश मूर्तियों का वितरण कर रहा था.जब मैंने देखा, तो मुझे आश्चर्य हुआ क्योंकि एक मुस्लिम परिवार हिंदुओं के लिए गणेश मूर्तियाँ वितरित कर रहा था.
मेरी जानकारी के अनुसार, मुस्लिम समाज मूर्तिपूजा नहीं करता, फिर भी यह परिवार केवल हिंदुओं की भावनाओं के लिए, सद्भाव के लिए यह काम कर रहा है.यह देखकर मुझे बहुत खुशी हुई और मैंने वही मूर्तियाँ लेने का निर्णय किया.यह उपक्रम धर्म और धार्मिक विवादों को बढ़ावा देने वाले के मुह पर एक तमाचा है.”
मुलानी परिवार का यह सराहनीय उपक्रम भारतीय संस्कृति की सच्ची झलक पेश करता है.हमारा इतिहास सिर्फ लड़ाइयों, जातियों-धर्मों और उनके पूजा स्थलों का नहीं,हजारों वर्षों के सहअस्तित्व, सौहार्द और मानवता की उच्चता का भी है.इस प्रकार के उपक्रम देश में धार्मिक सौहार्द को मजबूत करने और हमारे उज्ज्वल इतिहास से जोड़नेवाली महत्वपूर्ण गतिविधि हैं.