अफगान हमलावर मोहम्मद गोरी ने भी ढलवाए थे लक्ष्मी की आकृति वाले सिक्के

Story by  मंजीत ठाकुर | Published by  [email protected] | Date 28-10-2022
लक्ष्मी मुद्राएं (सौजन्यः मिंटेज वर्ल्ड)
लक्ष्मी मुद्राएं (सौजन्यः मिंटेज वर्ल्ड)

 

आवाज- द वॉयस ब्यूरो/ नई दिल्ली
 
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नोटों पर लक्ष्मी और गणेश की तस्वीरें होने की बात क्या कह दी, बवाल हो गया. गुरुवार को अरविंद केजरीवाल को सोशल मीडिया पर ट्रोल भी किया जाने लगा. हालांकि, गुरुवार को ही राणा सफवी ने एक ट्वीट किया, जिसमें लक्ष्मी मुद्राओं का हवाला दिया गया था. राणा सफवी के मुताबिक, मोहम्मद गोरी ने भी लक्ष्मी मुद्राएं जारी की थीं.

हमने इसकी पड़ताल के लिए कुछ भरोसेमंद वेबसाइट्स को खंगाला. तो मिंटेज वर्ल्ड नाम की साइट, जो कि आनलाइन म्यूजियम है, इसमें लक्ष्मी मुद्राओं के बारे में विस्तार से लिखा गया है. 
 
इस वेबसाइट ने लक्ष्मी मुद्राओं के साथ मोहम्मद गोरी के संबंध के बारे में भी विस्तार से लिखा है. 
 
असल में, मुहम्मद बिन साम जिसको मोहम्मद गोरी भी कहा जाता है. मुहम्मद गोरी का जन्म वर्ष 1162 में हुआ था. मोहम्मद गोरी पहला तुर्क था जिसने भारत पर आक्रमण किया था और भारत में मुस्लिम शासन की स्थापना की थी. 
 
तराईन की दूसरी लड़ाई में पृथ्वीराज चौहान को हराने के बाद, मुहम्मद गोरी ने ऐसे सिक्के जारी किए जो लगभग पृथ्वीराज के सिक्कों जैसे ही थे. सिक्के के एक तरफ वृषभ की छवि है और सिक्के के दूसरे हिस्से में एक घुड़सवार की आकृति उकेरी गई थी, और सिक्कों पर पृथ्वीराज देव की बजाए गोरी का मुखड़ा उकेरा गया था.
 
यह लक्ष्मी प्रकार का सिक्का मुहम्मद बिन सैम ने जारी किया गया था.
 
मुहम्मद बिन सैम से पहले, ये लक्ष्मी प्रकार के सिक्के बहुत सारे हिंदू राजवंशों ने जारी किए थे और इन राजवंशों में बुंदेलखंड के चंदेल राजवंश, त्रिपुरी के कलचुरी, मालवा के परमार, कन्नौज के गढ़वाल राजवंशों ने जारी किए थे. इस लक्ष्मी प्रकार के सिक्के में, मोहम्मद गोर अपने नाम के साथ उस हिंदू राजा का नाम भी खुदवाता था जिसे उसने पराजित किया था और उसके साथ श्री महामद सामी लिखवाता था.
 
इस सिक्के के अग्रभाग में लक्ष्मी जी को बैठे हुए दर्शाया गया है. इस सिक्के के पिछले भाग पर नागरी लिपि में 'श्रीमद् महा/मद बिन साम' अंकित है. 
 
ऐसे में यह साफ लगता है कि लक्ष्मी या गणेश का मुद्राओं या सिक्कों पर होना धार्मिक कम और अर्थव्यवस्था से जुड़ा मामला अधिक है और सिक्कों का रिश्ता वैसे भी विश्वास और वचन से होता है.