जश्न रेख्ताः ‘दास्तान-ए-इमाम हिंद’ की शानदार प्रस्तुति, मंत्रमुग्ध हुए दर्शक

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 22-06-2024
  'Dastan-e-Imam Hind'
'Dastan-e-Imam Hind'

 

गौस सिवानी / नई दिल्ली

जश्न रेख्ता में मेगाप्ले ‘दास्तान-ए-इमाम हिंद’ की शानदार प्रस्तुति ने दर्शकों का मन मोह लिया. इस अनूठे नाटक ने जहां राष्ट्रीय सद्भाव का संदेश दिया, वहीं ‘रामलीला’ के नए संस्करण ने नई पीढ़ी के लिए रामायण की प्राचीन कहानी को पुनर्जीवित कर दिया. खास बात यह है कि ‘दास्तान-ए-इमाम हिंद’ रामायण की कहानी है, जिसकी रचना अलग-अलग समय में उर्दू मुस्लिम और गैर-मुस्लिम कवियों ने की थी. हालाकि, इसकी प्रस्तुति शैली बिल्कुल नई है.

यह कथा हर वर्ष राम लीला में प्रस्तुत की जाती है, परन्तु इसमें नवीनता यह है कि पूरी कथा पद्य में है तथा अवसर के अनुसार इसमें विलाप, मिलाप, प्रस्थान गीत भी सम्मिलित किये गये हैं. उदाहरण के लिए, जब सीता विदा होती हैं, तो इस अवसर पर अमीर खुसरो का प्रसिद्ध गीत ‘काहे को बियाहे बिदेस’ गाया जाता है.

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इसी प्रकार राजा दशरथ की मृत्यु पर भी शोक मनाया जाता है. इस संगीतमय दास्तान गोई शो के निर्देशक मुस्तजाब मलिक ने कहा, ‘‘इस शो में, हमारे पास दास्तान गोई, लोक गीत, दृश्य मीडिया, छाया कठपुतली, कथक, भरत नाट्यम नृत्य, शारीरिक थिएटर, नोहा, मनकबत, मूर्तिया जैसी बहु-प्रदर्शन कलाएं हैं.’’

उन्होंने आगे बताया कि ‘दास्तान-ए-इमाम हिंद’ शो के लिए दुनिया भर से निमंत्रण आ रहे हैं. फिलहाल हम विदेश में दुबई और घरेलू स्तर पर इलाहाबाद और जबलपुर में शो करने जा रहे हैं.

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उन्होंने बताया कि इससे पहले वह दिल्ली, प्रयागराज, काशी और लखनऊ में सफल शो कर चुके हैं. मुस्तजाब मलिक ने कहा कि राम लीला शो से उनका पुराना रिश्ता है. उन्होंने अपना बचपन अलीगढ़ में बिताया और शुरुआत से ही राम लीला में भाग लेते रहे हैं.

उन्होंने आगे कहा कि हम सिर्फ सांप्रदायिक सौहार्द और सद्भावना की भावना के लिए राम लीला का उर्दू संस्करण नहीं लाए हैं, बल्कि हमारा उद्देश्य उर्दू भाषा की अनमोल विरासत को दुनिया के सामने वापस लाना है. इस छंदबद्ध कहानी की अवधि एक घंटा बीस मिनट है.

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इसकी रचना दानिश इकबाल ने की है, जो जामिया मिलिया इस्लामिया के प्रोफेसर और विभिन्न नाटकों के लेखक हैं. उन्होंने इस नाटक में सूत्रधार की भूमिका भी निभाई है, जबकि तारिक खान निर्माता हैं और संदीप सिंह रचनात्मक निर्देशक हैं. नृत्य निर्देशक मोल खान हैं और कठपुतली विशेषज्ञ गोंडुराजन हैं.

मुस्तजाब मलिक ने कहा कि वह रामायण पर एक प्रदर्शनी का आयोजन करने जा रहे हैं. वहीं उनके द्वारा निर्देशित फिल्म ‘टकीला’ जल्द ही रिलीज होने वाली है. उन्होंने आगे कहा कि वह आरएसएस के सोशल नेटवर्क पर एक वेब सीरीज तैयार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों पर नाटक करने जा रहे हैं, जो जल्द ही सामने आ जायेगा.

 

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