क्या पाकिस्तान के चर्चित मौलाना तारिक जमील के पूर्वज हिंदू थे ? एक वीडियो से सभी चौंक पड़े
मलिक असगर हाशमी / नई दिल्ली
पाकिस्तान सहित दुनिया भर में चर्चित मौलाना तारिक जमील से संबंधित एक वीडियो ने सभी को चौंका दिया है. इस वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद उनके पूर्वजों को लेकर कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं.हालांकि कई बार मौलाना तारिक जमील खुद कह चुके हैं कि वो राजपूत चौहान हैं. उनको लेकर विकिपीडिया में भी इस बारे में जानकारी दी गई. मगर वो हिंदू परिवार से आते हैं, इसका खुलासा अब तक नहीं किया गया था.
एक वीडियो ने इसपर से पर्दा उठा दिया है. इस वीडियो में वह खुद यह स्वीकारते हैं कि उनके पूर्वज हिंदू थे. इंस्टाग्राम पर वायरल वीडियो में एक साक्षात्कार लेने वाले के सवाल के जवाब में उन्होंने माना कि उनके पूर्वज हिंदू थे.
उनकी जाति को लेकर जब सवाल किया गया तो उन्होंने पूर्वजों के हिंदू से मुसलमान होने की न केवल पूरी कहानी बताई, बल्कि यह भी बताया कि वे पृथ्वीराज चौहान के वंशज हैं.इंटरव्यू में वह कहते हैं-मैं राजपूत चौहान हूं.
राजा पृथ्वीराज चौहान के बेटे थे रामदेव चौहान. वह आगे बताते हैं-1191 में रामदेव चैहान को शहाबुद्दीन गौरी के हाथों शिकस्त खानी पड़ी. फिर उनका कत्ल कर दिया गया. रामदेव चौहान की हुकूमत पर भी चली गई.
मौलाना तारिक जमील के अनुसार, रामदेव के एक बेटे ने मौलाना चिश्ती रहमतुल्लाह से इस्लाम कबूल कर लिया. उसकी नस्ल से वे हैं.
हालांकि, इसमें थोड़ा संशोधन है. चक्रवर्ती महान सम्राट श्री पृथ्वीराज चौहान जी नामक फेसबुक पेज के अनुसार, पृथ्वीराज चौहान के इकलौते पुत्र गोविंद राज चौहान के बेटे महाराव हम्मीरदेव हठी चौहान के पुत्र रामदेव चौहान थे. यानी रामदेव चौहान महा पृथ्वीराज चौहान के परपोते हैं.
बावजूद इसके इंस्टाग्राम के इस वीडियो को 136,857 लोग अब तक पसंद कर चुके हैं. इंस्टा पर इस वीडियो को अदील 36 नामक हैंडल से साझा किया गया है, जिसे न केवल खूब पसंद किया जा रहा है, अच्छे-अच्छे कमेंट भी किए जा रहे हैं.
मौलाना तारिक जमील कौन हैं ?
मौलाना तारिक जमीन का जन्म 1 अक्टूबर 1953 को मियां चन्नू , पंजाब,पाकिस्तान में हुआ था.वह हनाफीआंदोलन तबलीगी जमात से जुड़े हैं. उनकी गिनती चर्चित मजहबी तकरीर करने वालों में होती है. उनकी गिनती 2012 से हर साल 500 सबसे प्रभावशाली मुसलमानों में होती रही है.
जमील चौहान राजपूतों की साहू उपजाति से संबंधित हैं. उनके परिवार ने शेर शाह सूरी के शासनकाल के दौरान तुलम्बा पर शासन किया, जिन्होंने तुलम्बा के आसपास की भूमि भी वितरित की थी.तारिक जमील की प्राथमिक शिक्षा सेंट्रल मॉडल स्कूल, लाहौर में हुई. उन्होंने गवर्नमेंट कॉलेज यूनिवर्सिटी, लाहौर से डिग्री हासिल की. अपनी इस्लामी शिक्षा जामिया अरब, रायविंड से की है. उन्होंने यहां कुरान, हदीस, सूफीवाद, तर्क और फिक्ह का अध्ययन किया.
तारिक जमील गवर्नमेंट कॉलेज लाहौर से प्री-मेडिकल शिक्षा पूरी करने के बाद किंग एडवर्ड मेडिकल कॉलेज में दाखिल हुए, लेकिन जब उन्होंने मजहबी शिक्षा हासिल करने का फैसला किया तो एमबीबीएस पूरा किए बिना कॉलेज छोड़ दिया.
करियर
कनाडा में आरआईएस सम्मेलन में तारिक जमीलजमील ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धार्मिक उपदेश दिए हैं. वह देवबंदी हैं.जातीय और सांप्रदायिक सद्भाव का समर्थन करते हैं.जमील की तकरीर आत्म-शुद्धि, हिंसा से बचाना, अल्लाह के आदेशों का पालन करना और पैगंबर मुहम्मद के रास्ते पर चलने पर केंद्रित होते हैं.
2012 से अब तक हर साल जॉर्डन में रॉयल अल-बैत इंस्टीट्यूट फॉर इस्लामिक थॉट द्वारा जमील को दुनिया के 500 सबसे प्रभावशाली मुसलमानों में से एक के रूप में नामित किया जा रहा है.अप्रैल 2020 में, उन्होंने कोविड-19 के प्रकोप और प्रसार के लिए समाज में बेईमानी और महिलाओं की निर्लज्जता पर अल्लाह के गुस्से को जिम्मेदार ठहराया, जिसकी खूब आलोचना हुई थी.
तत्कालीन मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने तब कहा था कि मौजूदा कोरोना वायरस संकट के लिए महिलाओं और युवाओं को दोषी ठहराना अज्ञात है, जो अस्वीकार्य है.
कारोबार
जमील पाकिस्तान के बड़े कारोबारी भी हैं. एमटीजे ब्रांड नाम से अपना प्रमुख कपड़ा ब्रांड चलाते हैं. इसे मार्च 2021 में लॉन्च किया गया था. कंपनी का मुख्यालय कराची में है. उनकी ओर से दावा किया जाता है कि व्यवसाय से प्राप्त राजस्व का उपयोग उनके मदरसों को वित्त पोषित करने और पाकिस्तान में स्कूलों और अस्पतालों के निर्माण के लिए किया जाता है.
जमील ने मौलाना तारिक जमील फाउंडेशन भी चलाते हैं, जिसका कार्यालय तुलम्बा, खानेवाल में है. यह गैर सरकारी संस्था पाकिस्तान के लोगों के सामाजिक, स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए काम करती है.